छात्र हित में बड़ा निर्णय, प्रदेश के सभी मदरसों में लागू होगा उत्तराखंड बोर्ड का पाठ्यक्रम..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड प्रदेश के सभी मदरसों और अल्पसंख्यक विद्यालयों में अब उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार का यह निर्णय अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, आधुनिक और समान शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर देहरादून स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश में नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अल्पसंख्यक समाज के बच्चे भी मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ें और उन्हें आगे बढ़ने के समान अवसर मिल सकें।
सीएम धामी ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज के विकास की नींव होती है। जब तक सभी वर्गों के बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिलेगी, तब तक समग्र विकास संभव नहीं है। सरकार चाहती है कि मदरसों और अल्पसंख्यक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र भी विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और आधुनिक विषयों की शिक्षा प्राप्त कर प्रतियोगी युग में मजबूती से आगे बढ़ सकें। अपने संबोधन में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का भी उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता लागू कर सामाजिक न्याय, समानता और समरसता की दिशा में पूरे देश को नई दिशा दिखाई है। उन्होंने कहा कि यूसीसी किसी भी वर्ग के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज में समान अधिकार और कर्तव्यों की भावना को मजबूत करने के लिए लागू की गई है।
राज्य सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं के भविष्य को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना के तहत अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता और प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है, ताकि वे प्रशासनिक सेवाओं, तकनीकी क्षेत्रों और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपना स्थान बना सकें। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि अल्पसंख्यक समाज के प्रतिभावान छात्र संसाधनों के अभाव में पीछे न रहें। इसके लिए शिक्षा, छात्रवृत्ति, कौशल विकास और रोजगार से जुड़ी योजनाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से संवाद भी किया और उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार सभी वर्गों के साथ समान व्यवहार करते हुए विकास की राह पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को एक समरस, शिक्षित और आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए सभी समाजों की भागीदारी जरूरी है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य लोग, सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। कार्यक्रम में अल्पसंख्यक अधिकारों, शिक्षा और सामाजिक समावेशन पर विस्तार से चर्चा की गई।