राज्यपाल ने राजभवन में भगीरथ उद्यान का किया उद्घाटन, सीएम धामी भी रहे मौजूद..
उत्तराखंड: राजभवन परिसर में सोमवार को एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ, जब राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने ‘भगीरथ उद्यान’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने उद्यान में स्थापित महान राजा भगीरथ की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। लगभग 10 फीट ऊंची यह प्रतिमा 8 फीट ऊंचे ग्रेनाइट चबूतरे पर स्थापित की गई है, जिसे हरिद्वार के प्रख्यात कलाकार शिवम चौरसिया ने फाइबर और रेजिन से निर्मित किया है। प्रतिमा की कलात्मकता और भव्यता इसे विशेष बनाती है। ‘भगीरथ उद्यान’ को आध्यात्मिकता और हरियाली से परिपूर्ण बनाने के लिए यहाँ विभिन्न प्रजातियों के पौधों का भी रोपण किया गया है। प्राकृतिक सौंदर्य और प्रतिमा का संगम इस उद्यान को प्रेरणा और श्रद्धा का स्थल बना रहा है। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि राजा भगीरथ का जीवन समाज सेवा और जनकल्याण की मिसाल है। गंगा को धरती पर लाने का उनका पराक्रम आज भी मानवता के लिए प्रेरणादायक है। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राजभवन परिसर में इस उद्यान और प्रतिमा की स्थापना भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देने का कार्य करेगी। इस आयोजन ने न केवल राजभवन परिसर को एक नया स्वरूप दिया, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी और मजबूत किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह प्रतिमा केवल एक स्मारक नहीं, बल्कि एक जीवंत प्रेरणा-स्तंभ है। उन्होंने कहा कि ‘‘यहाँ नक्षत्र, प्रकृति, मंदिर और पर्वत मिलकर उस दिव्य संकल्प का संदेश देते हैं कि जब ध्येय लोककल्याण हो, तो देवत्व और प्रकृति दोनों मार्ग प्रशस्त कर देते हैं।राज्यपाल ने उद्यान को आकार देने में योगदान देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की भी सराहना की। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि राजभवन स्थित यह प्रतिमा आने वाले हर नागरिक और अतिथि को कर्तव्यनिष्ठा, लोककल्याण और भारतीय संस्कृति का संदेश देती रहेगी। उन्होंने कहा, यह प्रतिमा हमें सदैव स्मरण कराएगी कि ‘भगीरथ प्रयत्न’ ही महान लक्ष्यों की प्राप्ति का मार्ग है।‘भगीरथ उद्यान’ में स्थापित लगभग 10 फीट ऊंची प्रतिमा को 8 फीट ऊंचे ग्रेनाइट चबूतरे पर लगाया गया है। हरिद्वार के प्रसिद्ध कलाकार शिवम चौरसिया द्वारा फाइबर और रेजिन से निर्मित यह प्रतिमा अपनी भव्यता और कलात्मकता के लिए विशेष है। साथ ही, उद्यान में विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण कर इसे आध्यात्मिकता और हरियाली से परिपूर्ण वातावरण दिया गया है। इस अवसर ने न केवल राजभवन परिसर को एक नया स्वरूप प्रदान किया, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को और भी सशक्त बना दिया।
