शीतकाल के लिए तैयारियां पूरी, इस दिन बंद होंगे भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट..
उत्तराखंड: विश्वप्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट आगामी शीतकाल के लिए 25 नवंबर दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने से पूर्व 21 नवंबर से पंच पूजाओं का आयोजन शुरू होगा। इसी क्रम में पंचकेदारों में शामिल भगवान मध्यमहेश्वर के कपाट भी 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। यह तिथि विजयादशमी के पावन अवसर पर ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में पंचांग गणना के आधार पर तय की गई। भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट बंद करने की तिथि भी पंचांग गणना से निश्चित हुई। परंपरा के अनुसार 5 नवंबर 2025 को देवरा प्रस्थान किया जाएगा और 6 नवंबर 2025 को बाबा तुंगनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए छह माह के लिए बंद हो जाएंगे। सर्दियों में कपाट बंद होने के बाद भगवान बद्री विशाल की पूजा ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में तथा पंचकेदारों की पूजा-व्यवस्था परंपरा के अनुसार उनके शीतकालीन गद्दी स्थलों पर संपन्न होती है। डोली उसी दिन छह नवंबर को डोली चोपता नागक स्थान में रात्रि विश्राम करेंगे और सात नवंबर को भनकुन पहुंचेगी। और आठ नवंबर को बाबा की डोली तुंगनाथ मंदिर मक्कू में प्रवेश करेगी। बाबा के आगमन पर तुंगनाथ महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
