उत्तराखंड के चीनी मिलों में 61 फीसदी पद खाली..
मृतक सीजनल कर्मियों के आश्रितों को नहीं मिल पाया लाभ!
उत्तराखंड: प्रदेश में गन्ना चीनी मिलों में कर्मचारियों की भारी कमी के कारण कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। इसके बावजूद सरकार सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 123 मृतक सीजनल कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है। हालांकि यह मामला लंबे समय से लंबित है।
हालांकि, पिछले साल अगस्त में कैबिनेट ने 68 मृतक स्थायी कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, लेकिन मृतक मौसमी कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने का मामला नहीं सुलझ सका और एक बार फिर मौसमी कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने की पहल शुरू हो गई है। आपको बता दे कि प्रदेश की सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में दो व्यवस्थाओं के कर्मचारी तैनात किये जाते हैं। पहला स्थायी कर्मचारी और दूसरा सीजनल कर्मचारी। प्रदेश में चल रहे पेराई सत्र के दौरान कर्मचारियों की कमी के चलते चीनी मिलों में काफी दिक्कतें देखने को मिल रही हैं।
प्रदेश की सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में वेतन बोर्ड के तहत मिल स्तर पर स्थायी कार्मिक और सीजनल कर्मचारी नियुक्त किए जाते हैं, लेकिन वर्तमान में करीब 50 फीसदी पद अभी भी रिक्त हैं। गन्ना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में मिलों में स्थायी कर्मचारियों के लिए 1,255 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 488 पदों पर कर्मचारी कार्यरत हैं और 767 पद रिक्त हैं। यानी करीब 61 फीसदी पद रिक्त हैं।
इसके साथ ही मिलों में सीजनल कर्मचारियों के लिए 2,168 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 1,179 पदों पर कर्मचारी तैनात हैं। जबकि, 989 पद रिक्त पड़े हैं। यानी करीब 45 फीसदी पद रिक्त पड़े हैं। जिसके चलते प्रदेश की चारों चीनी मिलों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा का कहना हैं कि पिछले साल हुई कैबिनेट बैठक में मृतक सीजनल कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन शासन की ओर से कुछ आपत्तियां लगाई गई थीं, जिन्हें दूर करने के लिए हाल ही में शासन के अधिकारियों से वार्ता हुई है। ऐसे में उठाई गई आपत्तियों को जल्द दूर कर मृतक सीजनल कर्मचारियों के आश्रितों को लाभ दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि गन्ना चीनी मिलों में जो पद रिक्त हैं, उनमें से 50 फीसदी से अधिक पदों को जल्द से जल्द भरने का प्रयास किया जाएगा। ताकि चीनी मिलों के प्रदर्शन में सुधार हो सके।
