उत्तराखंड

धराली आपदा- अब तक 1278 लोगों का रेस्क्यू, मलबे में दबे लोगों की तलाश प्राथमिकता..

धराली आपदा- अब तक 1278 लोगों का रेस्क्यू, मलबे में दबे लोगों की तलाश प्राथमिकता..

 

उत्तराखंड: धराली आपदा में लापता लोगों की संख्या को लेकर प्रशासन ने ताज़ा आंकड़े जारी किए हैं। आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय का कहना हैं कि अब तक 43 लोगों के लापता होने की सूचना मिली है। इनमें से धराली गांव के युवक आकाश पंवार का शव हाल ही में बरामद हुआ है, जबकि शेष 42 लोगों की तलाश अभी भी जारी है। लापता लोगों में नौसेना के कार्मिक, धराली गांव के आठ निवासी, आसपास के क्षेत्रों के पांच, टिहरी जिले का एक, बिहार के 13 और उत्तर प्रदेश के छह लोग शामिल हैं। प्रशासन और राहत दलों की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और मौसम की चुनौतियों के बावजूद खोज अभियान तेज़ी से जारी है। राहत और बचाव कार्य में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें जुटी हुई हैं।

आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय ने कहा कि पहले मिली सूचना के अनुसार 29 नेपाली मजदूर लापता थे, जिनमें से पांच लोगों से संपर्क हो चुका है। शेष 24 मजदूरों के बारे में एक-दो दिन में अंतिम जानकारी मिलने की उम्मीद है। आयुक्त ने आपदा नियंत्रण कक्ष में धराली आपदा से जुड़े राहत एवं बचाव अभियानों और लापता लोगों की खोजबीन के प्रयासों की जानकारी दी। उनका कहना हैं कि सीएम की घोषणा के तहत प्रभावितों के लिए एक बेहतर राहत और पुनर्वास पैकेज तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सचिव राजस्व की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। यह समिति आपदा से हुई क्षति का आकलन करने और प्रभावित परिवारों से वार्ता करने के लिए जल्द ही उत्तरकाशी पहुंचेगी। प्रशासन का कहना है कि सभी प्रभावितों को यथासंभव शीघ्र राहत और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

 

देहरादून से 10 विशेषज्ञ भू-वैज्ञानिकों की एक विशेष टीम भी भेजी गई..

धराली आपदा प्रभावित क्षेत्र में अब तक 1278 लोगों को सुरक्षित निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। प्रभावित क्षेत्र में फंसे सभी बाहरी लोगों और जरूरतमंद स्थानीय निवासियों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया है। मंडल आयुक्त ने कहा कि मलबे में दबे लोगों की तलाश सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए एनडीआरएफ की टीम के साथ एक विशेष अधिकारी मौके पर तैनात है। देहरादून से 10 विशेषज्ञ भू-वैज्ञानिकों की एक टीम भी भेजी गई है, जो भूगर्भीय जोखिम और स्थिरता का आकलन कर रही है। हर्षिल में भागीरथी पर बनी झील से पानी की निकासी के लिए सिंचाई विभाग और उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड ने काम शुरू कर दिया है। डबरानी और सोनगाड क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सड़क को बहाल करने का कार्य भी जारी है और मंगलवार शाम तक सड़क संपर्क बहाल हो जाने की उम्मीद है। इस बीच डबरानी से सोनगाड के बीच खच्चरों के जरिए गैस सिलिंडर भेजने का कार्य शुरू कर दिया गया है, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जारी रखी जा सके।

 

 

 

 

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