उत्तराखंड

पांजणा में बादल फटने से छः की मौत, 18 घायल

डीएम के निर्देश पर माॅकड्रिल का आयोजन, अधिकारियों ने दिखाई फूर्ति
भारी बरसात के बावजूद भी एक बजे रात तक चलता रहा माॅकड्रिल
रुद्रप्रयाग। विकासखण्ड जखोली के पांजणा गांव में बादल फटने से 18 ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गये। घायलों को तत्काल सहायता पहुंचाई, जबकि अन्य छः लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। बादल फटने से आठ आवासीय भवनों को भारी नुकसान पहुंचा और 42 मवेशी घटना का शिकार हो गये।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के निर्देश पर शुक्रवार की रात पांजणा गांव में माकड्रिल का आयोजन किया गया। भारी बरसात के बावजूद भी एक बजे रात तक माॅकड्रिल चलता रहा। रात के करीब साढ़े सात बजे आपदा विभाग को प्रधान पंाजणा त्रिलोक सिंह ने गांव में बादल फटने की सूचना दी।

सूचना मिलते ही जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने उप जिलाधिकारी व तहसीलदार को घटना स्थल के लिए रवाना किया। रास्ते में सड़क के अवरूद्ध होने के कारण अधिकारी टीम के साथ पैदल ही गांव में पहुंचे। कुछ ही देर में लोनिवि की ओर से मार्ग को जेसीबी की मदद से खोल दिया गया और राहत-बचाव टीम ने गांव में पहुंचकर कार्य शुरू किया। इसके साथ ही होमगार्ड, आईटीबीपी, राजस्व विभाग के कर्मचारी एवं जवानों ने भी बचाव कार्य में तेजी दिखाई। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा भी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और राहत कार्य में तेजी दिखाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घायलों का उपचार किया। बादल फटने से गांव में 18 लोग घायल हुए, जबकि सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

इसके अलावा घटना में छः लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा आठ मकान पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गये और 15 मकान आंशिक क्षतिग्रस्त हुए। गौशाला में मलबा घुसने से 42 मवेशी घटना का शिकार हुए। पशुपालन विभाग की ओर से मृत पशुओं को गड्डे में दबाया गया और आस-पास दवाई का छिड़काव किया गया, जिससे बीमारी फैलने की आशंका न रहे। रात की एक बजे तक राहत-बचाव का कार्य चलता रहा। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने सभी कर्मचारी-अधिकारी एवं जवानों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि भारी बरसात में भी कर्मचारी और जवानों का हौंसला कम नहीं हुआ और सभी ने तेजी से कार्य किया।

उन्होंने कहा कि आपदा के समय हर विभाग तत्परता से कार्य करें, इसके लिए माक ड्रील का आयोजन किया। कहा कि मानूसन सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में बादल फटना, सड़क मार्ग बंद सहित अन्य घटनाएं होती रहती हैं। इनसे निपटने के लिए अधिकारी-कर्मचारी हर समय तत्पर रहें, इसके लिए यह आयोजन किया गया है।

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