उत्तराखंड

गमगीन माहौल में शहीद फते सिंह को दी श्रद्धांजलि

नागालैंड के मोहन जिले में विद्रोहियों के हमले में शहीद हुए थे फते सिंह

रुद्रप्रयाग। नागालैण्ड में तैनात क्यूंजा घाटी के बाड़व निवासी 48 वर्षीय फते सिंह नेगी का अंतिम संस्कार मंदाकिनी नदी किनारे पैतृक घाट चन्द्रापुरी में सैन्य सम्मान के साथ गमगीन माहौल में किया गया। उनकी चिता को पुत्र रोबिन सिंह ने मुखाग्नि दी। इससे पूर्व उनके गांव बाड़व से चन्द्रापुरी तक निकली शव यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। फते सिंह के शहीद होने से बाड़व गांव सहित क्यूंजा घाटी में शोक की लहर छा गयी है।

मालूम हो कि नागालैण्ड के मोहन जिले में तैनात फते सिंह रविवार को नगा विद्रोहियों के हमले में शहीद हो गये थे। मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव क्यूंजा घाटी के बाड़व लाया गया। त्रिरंगे मंे लिपटे फते सिंह के पार्थिव शरीर को देखकर परिजन व ग्रामीण फूट-फूटकर रो पडे़। पार्थिव शरीर के अन्तिम दर्शन करने के बाद बाड़व गांव से चन्द्रापुरी तक निकली शव यात्रा में हजारों ने शामिल होकर अमर शहीद फते सिंह को नम आखों से अन्तिम विदाई दी। शव यात्रा के पैतृक घाट चन्द्रापुरी के निकट मन्दाकिनी नदी के किनारे पहुंचते ही शासन-प्रशासन, परिजनों, ग्रामीणों, गढ़वाल स्काउट, 199 फील्ड रेजीमेन्ट के अधिकारियों व जवानों की मौजूदगी में अमर शहीद फते सिंह नेगी का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनके शव को पुत्र रोबिन सिंह नेगी ने मुखाग्नि दी, जिसके बाद जवानों ने हवा में तीन फायरिंग करते हुए शहीद को गाॅड आॅफ आनर से सलामी दी। अमर शहीद फते सिह नेगी के निधन से सम्पूर्ण क्यंूजा घाटी में मातम छाया हुआ है। उनकी पत्नी गीता देवी, पुत्र व दो पुत्रियों सहित परिजनों व ग्रामीणों का रो-रोकर बुरा हाल है।

केदारनाथ विधायक मनोज रावत, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चैधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय कर्पूवाण, यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुमन्त तिवारी, योगम्बर सिंह ंनेगी, शत्रुघ्न सिंह नेगी, सते सिंह नेगी, गजपाल सिंह रावत, विक्रम सिह नेगी, सुरेन्द्र सिह नेगी, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल, जिला जज हरीश गोयल, सीजेएम कुलदीप शर्मा, एसडीएम गोपाल सिंह चैहान, तहसीलदार जयबीर राम बधाणी, 199 फील्ड रेजीमेन्ट के सीओ मुरारी गोपाल, दिगम्बर भण्डारी, ताजबर खत्री, कंुवर सिह नेगी, महेन्द्र रावत सहित गढवाल स्काउट के 21, 199 फील्ड रेजीमेन्ट के 67 आॅफिसर, जवान, परिजनों, ग्रामीणों व कई सैकडों स्थानीय लोगों ने अमर शहीद की शव यात्रा में शामिल होकर नम आखों से भावभीनी श्रद्धंाजलि दी।

बाप के हत्यारों को गोली मार दो

अपने पिता को मुखाग्नि देने के बाद रोबिन ने गुस्से में कहा कि मेरे बाप के हत्यारों को गोली मार दो। भावुक होते हुए उसने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरे पिता देश के लिए शहीद हुए, मगर कब तक जवान ऐसे ही मरते रहेंगे। पापा दो माह की छुट्टी लेकर छोटी बहन की शादी में घर आने वाले थे। अब घर में कोई कमाने वाला नहीं है।

छोटे भाई में देश सेवा का था जज्बा

नागालैंड में शहीद हुए फते सिंह के बड़े भाई सते सिंह जज कोर्ट में कलर्क की नौकरी करते हैं। दोनों ही भाईयों में बड़ा प्रेम था। छोटा भाई फते सिंह जब ड्यूटी से छुट्टी लेकर घर आता तो दोनों भाई खूब हंसी मजाक करते और फते सिंह अपने बार्डर के किस्से सुनाता। सते सिंह का कहना है कि फते सिंह को बचपन से ही देश सेवा का जज्बा था। हर समय फौज में जाने की जिद्द रहती थी। दो सितम्बर 1989 को जोशीमठ में आयोजित भर्ती में फते सिंह भर्ती हो गया। इसके बाद तो वह देश के लिए मर मिटने के लिए हर समय तत्पर रहता था। उन्होंने कहा कि वे अपना भाई खो चुके हैं और शहीद के परिजनों में कोई कमाने वाला नहीं है। शहीद के बेटे को सरकार की ओर से रोजगार दिया जाना चाहिए।

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