मंत्री रेखा आर्या का बड़ा ऐलान, दिवाली से पहले बढ़ सकता है राशन डीलरों का लाभांश..
ई-पॉश डेटा पर कार्रवाई से बचने के निर्देश..
उत्तराखंड: खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले की मंत्री रेखा आर्या ने सोमवार को विधानसभा में आयोजित बैठक में राशन डीलरों की समस्याओं को लेकर कई अहम फैसले लिए। बैठक में ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के प्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के दौरान मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि अब प्रदेशभर में राशन डीलरों को मिलने वाले लाभांश और भाड़े के भुगतान की प्रक्रिया में एकरूपता लाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब किसी जिले या जनपद में भुगतान को लेकर भेदभाव या देरी नहीं होगी। मंत्री ने कहा कि अब तक अलग-अलग जिलों में अलग-अलग समय सीमा पर भुगतान होने की शिकायतें मिलती रही हैं, जिन्हें सरकार अब समाप्त करने जा रही है। इस दिशा में विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि भुगतान की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध बनाई जाए। रेखा आर्या का कहना हैं कि केंद्र सरकार से प्राप्त बजट का वितरण इस प्रकार किया जाएगा कि किसी भी जनपद का बैकलॉग न बचे। इससे न केवल राशन डीलरों को राहत मिलेगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी समय पर खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को और अधिक सुगम, पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाए, ताकि राज्य के प्रत्येक पात्र उपभोक्ता को उसका हक समय पर मिल सके।
मंत्री आर्य ने यह भी निर्देश दिए कि अब राशन की दुकानों से मिलने वाली दाल में विविधता लाई जाएगी, ताकि लाभार्थियों को सिर्फ एक ही प्रकार की दाल पर निर्भर न रहना पड़े। उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राशन दुकानों में उपलब्ध दाल का मूल्य बाजार भाव से हमेशा कम रहे, जिससे उपभोक्ताओं को वास्तविक लाभ मिल सके। इसके साथ ही रेखा आर्या ने राशन डीलरों को मिलने वाले कमीशन में बढ़ोतरी करने की बात कही। उन्होंने कहा कि डीलरों की भूमिका सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की रीढ़ है, इसलिए उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना जरूरी है। साथ ही, ई-पॉश मशीनों के रखरखाव और सुचारू संचालन पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए, ताकि वितरण प्रक्रिया में कोई तकनीकी बाधा न आए। मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी, विश्वसनीय और उपभोक्ता-केंद्रित बने। इसके लिए विभाग लगातार सुधारात्मक कदम उठा रहा है ताकि हर पात्र परिवार को समय पर गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न मिल सके।
मंत्री ने कहा कि तकनीकी प्रणाली अभी परीक्षण के दौर में है, इसलिए किसी भी त्रुटि या गड़बड़ी को सुधार की दृष्टि से देखा जाना चाहिए, न कि दंडात्मक कार्रवाई के रूप में। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि डीलरों को ई-पॉश सिस्टम के संचालन में तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाए, ताकि वितरण प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और सहज बन सके। इसके साथ ही मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि एसएफआई लाभांश को एनएसएफए के समान बढ़ाने की मांग पर शासन में गंभीरता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव को आगे बढ़ा दिया गया है और प्रयास किया जा रहा है कि दिवाली से पहले ही इसे मंजूरी दिलाई जाए, जिससे डीलरों को त्योहारी सीजन में आर्थिक राहत मिल सके। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि राशन डीलरों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो और उन्हें समय पर लाभांश का भुगतान मिले, ताकि वे बिना किसी वित्तीय दबाव के उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा दे सकें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और पारदर्शी, विश्वसनीय और लाभार्थी-केंद्रित बनाने के लिए विभाग निरंतर सुधारात्मक कदम उठा रहा है।
