त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव- आयोग ने किए कई बड़े बदलाव, खर्च सीमा बढ़ी, निगरानी होगी सख्त..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, अनुशासित और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए कई अहम बदलाव किए हैं। इन बदलावों का असर सीधे तौर पर धरातल पर दिखेगा। इस बार पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च की सीमा बढ़ा दी गई है। हालांकि आयोग ने साफ किया है कि बढ़े हुए खर्च की आड़ में अनियमितताओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने पहली बार वोटर लिस्ट को ऑनलाइन जारी किया है। अब कोई भी व्यक्ति अपना नाम या पूरी ग्राम पंचायत की वोटर लिस्ट आसानी से ऑनलाइन देख और डाउनलोड कर सकता है। ग्राम पंचायत की वोटर लिस्ट आयोग की वेबसाइट https://secresult.uk.gov.in/votersearch/searchvotermappingपर देखी जा सकती हैं। मतदाता अपना नाम, ग्राम पंचायत, वार्ड या बूथ के आधार पर सर्च कर सकते हैं। इससे मतदाताओं और उम्मीदवारों को लंबी सूचियों में नाम खोजने की परेशानी नहीं होगी। यह सुविधा पारदर्शिता और सुलभता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
राज्य निर्वाचन आयोग इस बार उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर सख्त नजर रखेगा। इसके लिए हर जिले में एक विशेष अधिकारी की तैनाती की गई है जो केवल चुनाव खर्च की निगरानी करेंगे। ये अधिकारी किसी भी समय उम्मीदवार से खर्च का विवरण मांग सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग का मकसद है कि मतदाताओं को सभी जरूरी जानकारी समय पर और आसानी से उपलब्ध हो, और उम्मीदवारों को प्रचार के दौरान निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य हो। राज्य निर्वाचन आयोग की इस पहल से न केवल मतदाता जागरूकता बढ़ेगी बल्कि चुनाव प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी और डिजिटल रूप से सशक्त होगी। ऑनलाइन वोटर लिस्ट और खर्च की निगरानी व्यवस्था से यह चुनाव पहले से कहीं अधिक संगठित और नियंत्रित नजर आने वाला है।
सॉफ्टवेयर लगाएगा चुनाव ड्यूटी..
इस बार पंचायत चुनाव में 95,909 अधिकारी, कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इनमें मतदान स्थल पर पीठासीन अधिकारी 11,849, मतदान अधिकारी 47,910, सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट, नोडल अधिकारी, प्रभारी अधिकारी 450 और सुरक्षाकर्मी 35,700 है। आयोग ने पहली बार तय किया है कि मतदान और मतगणना कार्मिकों की तैनाती सॉफ्टवेयर के माध्यम से रेंडमाइजेशन प्रणाली से की जाएगी। इससे सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को पारदर्शी तरीके से चुनाव में लगाया जा सकेगा। आयोग की यह पहल चुनावी व्यवस्था में एक नई और सकारात्मक शुरुआत मानी जा रही है।
मतदानकर्मियों की मृत्यु पर 10 लाख..
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जहां राज्य निर्वाचन आयोग मतदाताओं और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, वहीं मतदानकर्मियों की सुरक्षा को लेकर भी इस बार विशेष प्रावधान किए गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने एक अहम निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि यदि किसी मतदानकर्मी की चुनाव ड्यूटी के दौरान आकस्मिक मृत्यु होती है, तो उसके परिजनों को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। यह फैसला आयोग के सचिव राहुल गोयल द्वारा साझा किया गया। उन्होंने कहा कि शासन से इस प्रस्ताव को औपचारिक स्वीकृति मिल चुकी है। मुआवजे की राशि निर्वाचन व्यय मद से दी जाएगी। आयोग इस संबंध में सोमवार को सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी करेगा, जिसमें इस प्रावधान को लागू करने और उसका व्यापक प्रचार सुनिश्चित करने के निर्देश होंगे।
उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग का यह कदम केवल एक आर्थिक सहायता योजना नहीं, बल्कि चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के प्रति उत्तरदायित्व और संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारी निर्भय होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने पहली बार चुनाव नतीजों को ऑनलाइन जारी करने का फैसला लिया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि इस बार जिस ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत या जिला पंचायत के नतीजे आते जाएंगे, वह सभी आयोग की वेबसाइट https://sec.uk.gov.in/ पर अपडेट होते जाएंगे। उन्होंने बताया कि निकाय चुनाव के बाद पंचायतों में भी यह सुविधा दी जाएगी।
