उत्तराखंड

एक जून से पर्यटक कर सकेंगे फूलों की घाटी का दीदार, पहली बार ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध..

एक जून से पर्यटक कर सकेंगे फूलों की घाटी का दीदार, पहली बार ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध..

 

 

उत्तराखंड: विश्व धरोहर स्थल और जैव विविधता से भरपूर फूलों की घाटी एक बार फिर पर्यटकों के स्वागत को तैयार है। एक जून से घाटी को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा, जिसके लिए नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन ने तैयारियां तेज़ कर दी हैं। इस बार खास बात यह है कि पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए पार्क प्रशासन ने एक नई वेबसाइट लॉन्च की है, जहां पर्यटक घर बैठे ही अपनी यात्रा की पूर्व अनुमति और टिकट प्राप्त कर सकेंगे। पार्क संरक्षक मनोज सनवाल का कहना हैं कि पर्यावरण संतुलन और भीड़ नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रवेश को अधिक सुव्यवस्थित किया जा रहा है। ऑनलाइन पंजीकरण से घाटी में अनावश्यक भीड़ भी रोकी जा सकेगी। हर साल जुलाई से सितंबर के बीच यहां सैकड़ों प्रजातियों के दुर्लभ और रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं, जो इस घाटी को एक प्राकृतिक स्वर्ग में बदल देते हैं। घाटी में ट्रेकिंग करने वाले पर्यटकों को अब पहले से पंजीकरण कर समय पर रिपोर्ट करना होगा। युनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त यह घाटी हर वर्ष देश-विदेश से हजारों प्रकृति प्रेमियों, वैज्ञानिकों और फोटोग्राफरों को अपनी ओर खींचती है।

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन द्वारा पहली बार ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू की गई है। पर्यटक अब घर बैठे ही अपने प्रवेश के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। इसके लिए प्रशासन ने https://valleyofflower.uk.gov.in वेबसाइट लॉन्च की है, जहां से पंजीकरण के साथ शुल्क भी ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। वहीं फूलों की घाटी रेंज की टीम घांघरिया के लिए रवाना हो चुकी है। टीम घाटी तक के मार्ग में बारिश से हुए नुकसान का स्थल पर आकलन करेगी। टीम की रिपोर्ट के बाद ट्रैकिंग मार्गों की मरम्मत, सुरक्षा बैरियर, और अन्य जरूरी इंतजाम किए जाएंगे ताकि पर्यटकों की यात्रा सुगम और सुरक्षित बनाई जा सके। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ तरुण एस का कहना हैं कि इस वर्ष पर्यावरण संरक्षण और भीड़ नियंत्रण को प्राथमिकता दी जा रही है। पंजीकरण व्यवस्था को पारदर्शी और तकनीकी रूप से सरल बनाने के उद्देश्य से वेबसाइट लॉन्च की गई है। फूलों की घाटी के लिए वेबसाइट लांच कर दी गई है, पर्यटक इसमें ऑनलाइन शुल्क जमा कर पंजीकरण कर सकते हैं। फूलों की घाटी में बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए टीम भेज दी गई है, जिसके बाद वहां काम शुरू किया जाएगा।

 

 

 

 

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