अनुष्का की मदद को एक हुआ पहाड़….
करंट से झुलसी अनुष्का पर उमड़ी पौड़ी की बेटी की सहानुभूति….
-मोहित डिमरी
उत्तराखंड : पौड़ी की बेटी नेहा को तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं बचाया जा सका। पूरा पहाड़ नेहा के लिए दुआएं कर रहा था जिसे सिरफिरे ने आग के हवाले कर दिया था। जब नेहा की मौत हुई तो पूरा पहाड़ रो पड़ा। दरिंदे को फांसी की मांग हुई और पहाड़ एकजुट हो गया। नेहा की मौत ने पूरे समाज को झकझोर दिया। ऐसे में जब रुद्रप्रयाग की एक 12 वर्षीय अनुष्का करंट लगने से झुलसी तो उसे बचाने के लिए पूरा पहाड़ एकजुट हो गया। अनुष्का को मदद देने वालों का तांता लग गया।
यह पर्वतीय लोगों की संवेदना ही है कि गरीब से गरीब व्यक्ति ने अनुष्का को 50 रुपये की ही मदद की हो, लेकिन की ज़रूर। यह दर्शाता है कि अब पहाड़ करवट बदल रहा है और वहां के लोगों में एक-दूसरे के लिए संवेदनाओं का संचार हो रहा है। यह एक रचनात्मक व सकारात्मक बदलाव की बयार है। लोगों को अब अपने ही स्वार्थ से मतलब नहीं है बल्कि वह दूसरे की पीड़ा को भी समझ रहा है और सबसे अहम बात यह है कि अनुष्का के बहाने ही सही पर्वतीय समाज को यह एहसास होने लगा है कि यदि एकजुट न हुए तो असामाजिक लोग यहां के सामाजिक ताना-बाना भंग करने में सफल हो जाएंगे। बालिका अनुष्का की मदद को उठे हाथों को मेरा सलाम।