उत्तराखंड के सीमांत जिलों में नवाचार की नई पहल, सरकार बनाएगी सीमांत क्षेत्र विकास परिषद..
उत्तराखंड: उत्तराखंड के सीमांत जिलों में सुविधाओं और सेवाओं के विस्तार को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही सीमांत क्षेत्र विकास परिषद का गठन करेगी, जिससे सीमांत इलाकों में विकास की रफ्तार को नई दिशा और गति मिलेगी। सीएम बुधवार को रुद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आयोजित चतुर्थ सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। सीएम धामी ने कहा कि सीमांत जिलों में आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं और कर्मियों के लिए नवाचार केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
इन केंद्रों में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि स्थानीय स्तर पर बेहतर आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सशक्त बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सीमांत क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ना और वहां के नागरिकों को बेहतर जीवन सुविधाएं उपलब्ध कराना है। सीमांत गांव न केवल प्रदेश की सुरक्षा की पहली पंक्ति हैं, बल्कि सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर के भी रक्षक हैं। सीएम ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के माध्यम से युवाओं को सक्षम बनाकर सीमांत क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीमांत क्षेत्रों में चल रही सभी योजनाओं की नियमित समीक्षा कर उनका अधिकतम लाभ जनता तक पहुंचाया जाए।
पर्वतीय राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि..
इसके लिए जल्द ही प्रदेश में सीमांत विकास परिषद का गठन किया जाएगा, जो सीमांत क्षेत्रों में सुविधाओं और सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करेगी।सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि सीमांत इलाकों में स्वास्थ्य, शिक्षा, आपदा प्रबंधन और बुनियादी सेवाओं का विस्तार तेजी से किया जाए, ताकि वहां रहने वाले लोगों को मुख्यधारा के समान अवसर मिल सकें। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में आपदा प्रबंधन और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण विशेष महत्व रखता है। ऐसे में नवाचार केंद्र प्रदेश के युवाओं को विज्ञान, तकनीक और पर्यावरण के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव सीमांत जनपदों के प्रतिभावान बाल वैज्ञानिकों को नई दिशा और अवसर प्रदान करेगा। इससे न केवल उनकी वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि प्रदेश में नवाचार की संस्कृति भी मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एक मजबूत आधार बनकर उभरे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के विजन और नीतिगत निर्णयों ने देश को विज्ञान, अंतरिक्ष, ऊर्जा और तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक पहचान दिलाई है। बता दे कि देहरादून में देश की पांचवीं साइंस सिटी बनाई जा रही है, जो उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। यह साइंस सिटी न केवल छात्रों और युवाओं के लिए विज्ञान शिक्षा का केंद्र बनेगी, बल्कि इसमें अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, नवाचार केंद्र और विज्ञान पर आधारित इंटरएक्टिव प्रदर्शनियां भी होंगी।
