उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग में भूस्खलन से पहले मिलेगा पूर्वानुमान, बन गया राज्य का पहला जिला..

रुद्रप्रयाग में भूस्खलन से पहले मिलेगा पूर्वानुमान, बन गया राज्य का पहला जिला..

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में भूस्खलन की चेतावनी के क्षेत्र में एक नई पहल शुरू हो गई है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने रुद्रप्रयाग जिले में भूस्खलन का विधिवत पूर्वानुमान देना शुरू कर दिया है। यह कदम रुद्रप्रयाग को राज्य का पहला और देश का चौथा ऐसा जिला बनाता है, जहां भूस्खलन चेतावनी के लिए नियमित बुलेटिन जारी किया जाएगा। राज्य भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील है और यहां 14780 भूस्खलन जोन चिह्नित किए गए हैं। इनमें से रुद्रप्रयाग जिले में ही 1509 जोन शामिल हैं। इसके साथ ही जीएसआई ने रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में भूस्खलन पूर्वानुमान के लिए पिछले तीन वर्षों से परीक्षण किया था। भूवैज्ञानिकों का कहना है कि अब रुद्रप्रयाग में विधिवत पूर्वानुमान बुलेटिन जारी होने से आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन को समय रहते सावधानी और बचाव उपाय करने में मदद मिलेगी। इससे संभावित नुकसान और जान-माल के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।

रुद्रप्रयाग जिले में अब भूस्खलन का विधिवत पूर्वानुमान बुलेटिन जारी होने लगा है। इसी महीने कोलकाता स्थित भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के केंद्रीय मुख्यालय से बुलेटिन जारी करने की प्रक्रिया पूरी की गई। जीएसआई ने इस उपलब्धि की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से भी साझा की है। जानकारी के अनुसार रुद्रप्रयाग पूरे उत्तर-पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र का पहला और भारत का चौथा ऐसा जिला बन गया है, जिसका भूस्खलन पूर्वानुमान बुलेटिन सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है। रुद्रप्रयाग के साथ ही जीएसआई पश्चिम बंगाल और तमिलनाडू के जिलों के लिए भी भूस्खलन पूर्वानुमान जारी कर रहा है। इनमें पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और कलिम्पोंग तथा तमिलनाडू का नीलगिरी जिला शामिल हैं। भूवैज्ञानिकों का कहना है कि इन बुलेटिनों के माध्यम से प्रशासन और स्थानीय लोग समय रहते सतर्क और बचाव उपाय कर सकते हैं, जिससे संभावित नुकसान और जान-माल का खतरा कम किया जा सके।

 

 

 

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top