उत्तराखंड

भारी बारिश चलते कोटेश्वर झूलापुल टूटा

भारी बारिश चलते कोटेश्वर झूलापुल टूटा , पुल के टूटने से एक दर्जन से अधिक गांवों की आवाजाही प्रभावित

रुद्रप्रयाग। पहाड़ों में आफत की बारिश जारी है। बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिन-रात हो रही बारिश के कारण भारी नुकसान हो रहा है। रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से मात्र चार किमी दूर स्थित प्रसिद्ध कोटेश्वर शिव मंदिर को जोड़ने वाला झूलापुल भी बारिश की भेंट चढ़ गया है। बारिश के कारण पुल का एक हिस्सा टूट गया है। पुल पर स्थानीय ग्रामीणों और भक्तों की आवाजाही बंद हो गई है।

दरअसल, कोटेश्वर झूलापुल बद्रीनाथ हाईवे से सटे प्रसिद्ध कोटेश्वर मंदिर के साथ ही आस-पास के एक दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ता है। बुधवार रात से जारी बारिश के कारण पुल का एक हिस्सा धराशाही हो गया। पुल के एक छोर पर जबर्दस्त भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन के कारण पुल का आधार भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं, जिस कारण पुल टूट गया है। पुल का एक हिस्सा अलकनंदा नदी में लटक रहा है। पुल पर आवाजाही बंद होने से स्थानीय ग्रामीणों एवं स्कूली बच्चों की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। भक्त कोटेश्वर शिव मंदिर भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। इस पुल से बेला, खुरड़, कोटेश्वर, लमेरी, सुमेरपुर, तिलणी सहित कई गंाव जुड़े हुये हैं, जिनकी आवाजाही पुल टूटने से प्रभावित हुई है। पुल की मरम्मत के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन और सरकार को अवगत कराया, लेकिन किसी भी स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी, जिससे भारी बरसात होते ही आखिरकार पुल टूट ही गया।

सभासद पंकज बुटोला ने कहा कि कहा कि पुल के टूटने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। आवागमन का रास्ता बंद हो गया है। पहले से पुल की हालत खस्ता थी और इस संबंध में प्रशासन और सरकार के नुमाइंदों को अवगत कराया गया, लेकिन किसी ने भी ग्रामीणों की एक नहीं सुनी। अब पुल पूरी तरह से धराशायी हो चुका है, जिसका जिम्मेदार प्रशासन और जनप्रतिनिधि हैं।

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