रोहित डिमरी
लोगों का सैलाब सड़कों पर उतरा, आक्रोशित भीड़ ने दुकानों को किया आग के हवाले
दुपहिया वाहनों में लगाई आग, सामान जलकर हुआ राख
रुद्रप्रयाग। सोशल मीडिया में वायरल हुई एक आधी सच्ची झूठी खबर ने अगस्त्यमुनि की शांत फिजाओं में सांप्रदायिक जहर घोल दिया। हजारों आक्रोशित छात्र छात्राओं, व्यापारियों एवं स्थानीय निवासियों का सैलाब सड़कों पर उतर आया। हजारों की संख्या में भीड़ ने अगस्त्यमुनि से बेड़ूबगड़ तक जुलूस निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस की व्यवस्था चाक चैबंध न होने से अनियंत्रित भीड़ ने न केवल समुदाय विशेष की पन्द्रह से अधिक दुकानों में तोड़ फोड़ की, बल्कि आठ से अधिक दुकानों को आग के हवाले कर दिया। बाद में प्रदर्शनकारियों ने थाने का घेराव कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की। प्रदर्शनकारी आरोपियों को उनके हवाले करने की मांग कर रही थी। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से उन्हें रोका। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उन पर महिलाओं पर अश्लील फब्तियां कसने तथा महिला अस्तित्व विरूपण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है। पूरे मामले में रोचक तथ्य यह रहा कि जिन आरोपियों को सुमदाय विशेष का बताकर बबाल मचाया गया वे हिन्दू निकले।
घटना गुरूवार सांय की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि पीजी काॅलेज अगस्त्यमुनि में निर्माणाधीन छात्रावास में कार्य कर रहे मजदूरों द्वारा एक नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ की जा रही थी, जिसका कुछ छात्रों ने विरोध किया। छात्रों का आरोप था कि ये चार लोग थे। जिनमें से एक फरार हो गया। छात्रों ने तीनों आरोपियों के साथ मारपीट कर उन्हें पुलिस को सौंप दिया। थाने में जब तीनों से पूछताछ हुई तो उन्होंने अपना नाम मेहकार सिंह पूत्र शिवचरण सिंह ग्राम नवादा थाना गजरौला, जिला अमरोहा यूपी, सोनिक कुमार पुत्र रकम सिंह ग्राम रोहालकी, थाना खानपुर, जिला हरिद्वार तथा शिण्टू पुत्र समरपाल ग्राम शेरपुर, थाना धनौरा, जिला अमरोहा, यूपी बताया। छात्रों का आरोप था कि तीनों ने चैथे युवक, जो दूसरे सम्प्रदाय का था को फरार करा दिया। इसी पर बहस होती रही। रात में ही किसी ने सोशल मीडिया पर अगस्त्यमुनि में समुदाय विशेष के युवकों द्वारा बालिका से गैंग रेप की खबर वायरल कर दी, जिसमें लड़की की उम्र दस वर्ष बताई गई, जिससे माहौल गर्मा गया। असल में पूरा मामला ही उलझा हुआ नजर आया।
लड़की की उम्र एवं घटना की सत्यता पर संशय बना रहा। किसी को भी मामले की पूरी जानकारी नहीं थी, फिर भी शुक्रवार को प्रातः से ही आंदोलन की सुगबुगाहट हो गई। पूरा बाजार स्वतः स्फूर्त बन्द हो गया। छात्रों ने कालेज से तथा व्यापारियों तथा बाजार से जुलूस प्रदर्शन प्रारम्भ कर दिया। जुलूस बेड़ुबगड़ होते हुए वापस थाने पर आकर रूका। इसी बीच अनियंत्रित भीड़ ने समुदाय विशेष की दुकानों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। प्रदर्शकारियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी आरोपियों को उनके हवाले करने की मांग कर रहे थे। थाने के सुरक्षा के लिए भारी पुलिस दल मौजूद था। थानाध्यक्ष सुबोध ममगाई ने प्रदर्शनकारियों से आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा, मगर कोई भी तैयार नहीं हुआ। इस दौरान थाने में बहस होती रही। इसी बीच किन्ही असामाजिक तत्वों द्वारा सुमदाय विशेष की दुकानों में आग लगा दी गई।। इससे अफरा तफरी मच गई।
तब तक जनपद से भी अतिरिक्त पुलिस फोर्स आ चुका था। एसडीएम सदर देवानन्द एवं सीओ रुद्रप्रयाग एसपी बुडोला ने भी घटना स्थल का दौरा किया, मगर तब तक असामाजिक तत्व आठ से अधिक दुकानों को आग के हवाले कर चुके थे। बाद में एसपी चमोली तृप्ति भट्ट ने भी घटनास्थल का दौरा कर थानाध्यक्ष से विस्तृत जानकारी लीं उन्होंने सभी लोगों से शान्ति बनाये रखने अपील की। उधर, प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पिछले पांच माह में इस प्रकार की पांच घटनायें प्रकाश में आई हैं, जिसमें इसी समुदाय के लोगों का हाथ था। जिन्हें पकड़ा भी गया, लेकिन पुलिस ने उचित कार्यवाही न कर उन्हें छोड़ दिया। इसी से इनके हौसले बुलन्द हो गये हैं। यदि पहले ही उन्हें सजा मिल जाती तो आज इस तरह की घटना नहीं होती। प्रदर्शन करने वालों मे छात्र नेताओं के साथ ही अगस्त्यमुनि, विजयनगर, जवाहरनगर, चन्द्रापुरी आदि जगहों के व्यापारी शामिल थे।