उत्तराखंड

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में नाबार्ड योजनाओं पर उच्चस्तरीय बैठक, फंड्स के त्वरित उपयोग पर जोर..

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में नाबार्ड योजनाओं पर उच्चस्तरीय बैठक, फंड्स के त्वरित उपयोग पर जोर..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड सचिवालय में शुक्रवार को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में नाबार्ड द्वारा ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF) से पोषित योजनाओं की समीक्षा को लेकर उच्च अधिकार प्राप्त समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (UC) शीघ्र उपलब्ध कराएं, ताकि फंड उपयोग की पारदर्शिता बनी रहे और नई परियोजनाओं हेतु वित्तीय स्वीकृति सुगम हो सके। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन विभागों को निधि स्वीकृत की गई है, वे समय पर फंड्स का आहरण सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि अगर राज्य समयबद्ध ढंग से फंड का उपयोग करता है, तो नाबार्ड द्वारा अगले चरण में राज्य के लिए आवंटन की राशि बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने परियोजनाओं की प्रगति की नियमित निगरानी और प्रभावी क्रियान्वयन पर भी बल दिया। बैठक में विभिन्न विभागों के सचिवों, वित्त विभाग और योजना से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया और परियोजनाओं की स्थिति की अद्यतन जानकारी साझा की। मुख्य सचिव ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी योजना में देरी न हो और निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरे किए जाएं।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित ग्रामीण अवसंरचना योजनाओं की समीक्षा करते हुए नाबार्ड बजट को आगामी वर्षों में 1200 करोड़ रुपये तक ले जाने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने नाबार्ड अधिकारियों और सभी विभागों से कहा कि वे भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए फंडिंग स्रोतोंकी पहचान करें और संभावित योजनाओं को प्राथमिकता के साथ तैयार करें।

उन्होंने कहा कि यदि योजनाएं व्यावहारिक और जनहितकारी होंगी, तो नाबार्ड से मिलने वाले फंड में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है। उन्होंने विशेष रूप से चेन लिंक फेंसिंग के लिए वित्तीय संभावनाएं तलाशने पर जोर देते हुए कहा कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की सुरक्षा और पशु अवरोधन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि नाबार्ड और संबंधित विभाग आपसी समन्वय से इस दिशा में प्रस्ताव तैयार करें और संभावित फंडिंग विकल्पों की पहचान करें। मुख्य सचिव का कहना हैं कि राज्य सरकार ग्रामीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, ऐसे में प्रत्येक योजना का प्रभावी क्रियान्वयन और समयबद्ध निष्पादन अनिवार्य है। यह बैठक राज्य में दीर्घकालिक ग्रामीण अवसंरचना विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी विभागों को अगस्त माह के अंत तक अपने-अपने प्रस्ताव नाबार्ड को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश को अधिक निधि प्राप्त हो, इसके लिए समयबद्धता और पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक है। बैठक में मुख्य सचिव ने धीमी गति से चल रहे प्रोजेक्ट्स को लेकर चिंता जताई और संबंधित विभागों को ऐसे प्रोजेक्ट्स की निरंतर मॉनिटरिंग कर गति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डिस्बर्समेंट (राशि निर्गमन) और रिम्बर्समेंट (प्रतिपूर्ति) की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए, ताकि योजनाएं समय पर पूरी हों और राज्य को आर्थिक नुकसान न हो।

मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान नाबार्ड पोर्टल में मौजूद तकनीकी खामियों का भी उल्लेख किया और नाबार्ड अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इन खामियों को शीघ्र दूर करें, जिससे विभागीय अपडेटिंग, मॉनिटरिंग और प्रस्ताव अपलोडिंग की प्रक्रिया सुगम हो सके। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा, सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, श्री सी. रविशंकर, अपर सचिव श्री हिमांशु खुराना, श्री मनमोहन मैनाली सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

 

 

 

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