उत्तराखंड

15 जून से उत्तराखंड में वाहनों से ग्रीन सेस वसूली शुरू, सॉफ्टवेयर हुआ तैयार..

15 जून से उत्तराखंड में वाहनों से ग्रीन सेस वसूली शुरू, सॉफ्टवेयर हुआ तैयार..

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में अब पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य में 15 जून 2025 से प्रवेश करने वाले बाहरी वाहनों से ग्रीन सेस वसूला जाएगा। इसकी तैयारियां परिवहन मुख्यालय ने लगभग पूरी कर ली हैं। इस परियोजना के तहत राज्य में प्रवेश करने वाले निजी व व्यावसायिक वाहनों से एक निर्धारित शुल्क लिया जाएगा, जो पर्यावरणीय क्षति की भरपाई और सतत विकास परियोजनाओं में लगाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार ग्रीन सेस वसूली के लिए सॉफ्टवेयर तैयार हो चुका है। संबंधित प्राइवेट टेक्नोलॉजी कंपनी का चयन भी हो गया है जो इस व्यवस्था का संचालन करेगी। डिजिटल पेमेंट और ऑटोमेटेड ट्रैकिंग की मदद से यह सिस्टम पूरी तरह तकनीकी रूप से सक्षम होगा।

अब जैसे ही कोई बाहरी वाहन उत्तराखंड की सीमा में दाखिल होगा, सीमा पर लगे ANPR कैमरे उसकी नंबर प्लेट को स्कैन कर लेंगे। यह कैमरे नंबर प्लेट के माध्यम से उस वाहन के फास्टैग खाते की जानकारी प्राप्त करेंगे और तय ग्रीन सेस स्वतः कट जाएगा। शुरुआती योजना केवल फास्टैग आधारित भुगतान की थी, लेकिन अब इसे और आधुनिक बनाते हुए कैमरा तकनीक से जोड़ा गया है, जिससे वाहन चालकों को न तो रुकना पड़ेगा और न ही कोई अतिरिक्त झंझट झेलना होगा। सरकार का मानना है कि यह तकनीक न सिर्फ वसूली प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और राज्य की सीमा निगरानी को भी मजबूत करेगी।

उत्तराखंड में अब बाहरी राज्यों के वाहनों को राज्य में प्रवेश करते ही ग्रीन सेस देना होगा। परिवहन मुख्यालय ने इस हाईटेक पहल के तहत एक निजी कंपनी का चयन कर लिया है, जो अत्याधुनिक ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) तकनीक से जुड़ी पूरी प्रणाली को संचालित करेगी। वसूली के लिए जरूरी सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया गया है और इसे केंद्र सरकार की परिवहन और संबंधित अन्य वेबसाइटों से जोड़ा जा रहा है, ताकि फास्टैग से स्वतः भुगतान संभव हो सके। जैसे ही कोई बाहरी वाहन राज्य की सीमा में प्रवेश करेगा, ANPR कैमरा उसकी नंबर प्लेट को स्कैन कर फास्टैग खाते से तय ग्रीन सेस काट लेगा। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह का कहना हैं कि यह व्यवस्था 15 जून के बाद लागू कर दी जाएगी। यह योजना न केवल उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को सहारा देगी, बल्कि पर्यावरण और यातायात प्रबंधन की दिशा में भी एक स्मार्ट कदम साबित होगी।

 

ये दरें हैं निर्धारित..

वाहन – ग्रीन सेस (रुपये में)
चार पहिया – 40
तीन पहिया – 20
मध्यम वाहन – 60
भारी वाहन – 80

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