उत्तराखंड

सरकारी दफ्तरों में लेटलतीफी पर नकेल, बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य..

सरकारी दफ्तरों में लेटलतीफी पर नकेल, बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य..

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों और कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सख्त रुख अपनाया है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब महीने में तीन दिन तक देर से आने पर तो माफी मिल सकती है, लेकिन चौथी बार देरी होने पर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में गुरुवार को आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है। सरकार का यह फैसला लंबे समय से चली आ रही सरकारी दफ्तरों की ‘लेटलतीफी’ की संस्कृति पर लगाम लगाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। आदेश के अनुसार सभी विभागाध्यक्षों को अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की समयपालन की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। कर्मचारियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड सघन रूप से जांचा जाएगा और निर्धारित समय पर ड्यूटी जॉइन न करने वालों पर कार्यवाही की जाएगी। राज्य सरकार का मानना है कि समय की पाबंदी से न केवल कार्य संस्कृति में सुधार आएगा, बल्कि आम जनता को भी सरकारी सेवाएं समयबद्ध तरीके से प्राप्त होंगी।

उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कार्यालयों में समय की पाबंदी सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन द्वारा एक मई से सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है। अब इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने विभागों में सख्ती शुरू कर दी है। सरकार की ओर से सचिव विनोद कुमार सुमन ने सभी प्रमुख सचिवों, विशेष सचिवों, सचिवों, मंडलायुक्तों, विभागाध्यक्षों और जिलाधिकारियों को इस बाबत सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं।

उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कार्यालयों में समय पालन को लेकर एक बार फिर सख्ती बरती है। अब सभी अधिकारी और कर्मचारी समय से बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य होगा। मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन द्वारा 1 मई से लागू किए गए इस आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रशासन ने निगरानी की स्पष्ट व्यवस्था कर दी है। बता दे कि प्रतिदिन सुबह 10:15 बजे नामित अधिकारी बायोमीट्रिक उपस्थिति की समीक्षा करेंगे और देरी से कार्यालय पहुंचने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। विशेष रूप से सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को सुबह 9:45 बजे तक बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इस समयसीमा के उल्लंघन पर भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। प्रत्येक दिन नामित अधिकारी समयबद्ध समीक्षा करेंगे। जिससे यहां सुनिश्चित हो सके कि सभी स्तरों पर इसका कड़ाई से पालन किया जाए।

अब सरकारी कर्मचारी यदि बार-बार देर से कार्यालय पहुंचते हैं तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आदेश के तहत सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि कर्मचारी समय से कार्यालय पहुंचे और बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करें। आदेश में कहा गया है कि महीने में एक दिन देरी से आने वाले को मौखिक चेतावनी, दो दिन देरी से आने वालों को लिखित चेतावनी दी जाएगी। तीन दिन देरी से आने वालों का एक दिन का आकस्मिक अवकाश काटा जाएगा। चार दिन या इससे अधिक बार देरी से दफ्तर पहुंचने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ये भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी सूरत में ढीला रवैया नहीं चलेगा।

 

 

 

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