उत्तराखंड

वन विभाग ने पांच करोड़ का प्रस्ताव भेजा, पर्यटन और स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा..

वन विभाग ने पांच करोड़ का प्रस्ताव भेजा, पर्यटन और स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में वन विभाग ने बड़ी पहल की है। हल्द्वानी वन प्रभाग के अंतर्गत नंधौर रेंज के लाखनमंडी क्षेत्र को ईको विलेज के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की गई है। इस परियोजना के लिए विभाग ने शासन को ₹5 करोड़ की लागत का प्रस्ताव भेजा है। लाखनमंडी क्षेत्र में स्थित यह वन भूमि, आम के पुराने और विस्तृत बगीचे के लिए जानी जाती है। इस प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली को ध्यान में रखते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। हल्द्वानी के प्रभागीय वनाधिकारी कुंदन कुमार ने जानकारी दी कि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से ईको फ्रेंडली और टिकाऊ विकास आधारित होगा।

पर्यटकों को यहां प्राकृतिक परिवेश, जैव विविधता, फलोद्यान और ग्रामीण अनुभव प्रदान करने की योजना है। नंधौर ईको विलेज परियोजना की अनुमानित लागत ₹5 करोड़ है, जिसकी डिटेल प्रपोजल शासन को भेजी जा चुकी है। इस परियोजना से न सिर्फ ईको पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। यह क्षेत्र शहरी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का नया केंद्र बन सकता है। नंधौर ईको विलेज परियोजना, पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और ग्रामीण पर्यटन को एक मंच पर लाने की दिशा में वन विभाग की अभिनव पहल है। यदि शासन से स्वीकृति मिलती है तो यह हल्द्वानी के पर्यटन नक्शे पर एक नई पहचान बना सकता है।

उत्तराखंड का हल्द्वानी वन प्रभाग अब ईको पर्यटन को नई दिशा देने की तैयारी में है। नंधौर रेंज के लाखनमंडी क्षेत्र को ईको-विलेज के रूप में विकसित करने की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसके लिए वन विभाग ने पांच करोड़ रुपये का विस्तृत प्रस्ताव शासन को भेजा है। इस प्रस्ताव के तहत पर्यटकों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर ईको सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिससे पर्यटक प्रकृति के करीब रहकर आरामदायक अनुभव प्राप्त कर सकें।प्रस्ताव के तहत पर्यटकों के लिए ईको-विलेज में रिसेप्शन, ईको हट्स, कॉटेजेज, कैफेटेरिया, किचन, शौचालय, पेयजल व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण प्रबंधन के साथ-साथ प्रवेश द्वार का निर्माण होगा। प्रोजेक्ट के तहत स्थानीय युवाओं को “नेचर गाइड” के रूप में प्रशिक्षित कर काम दिया जाएगा। विशेष रूप से नंधौर और चोरगलिया क्षेत्र के युवाओं को इससे स्थायी आजीविका के अवसर प्राप्त होंगे। यह परियोजना राज्य के ईको पर्यटन मानचित्र पर हल्द्वानी को एक विशेष पहचान देगी। इससे न केवल पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति, जीवनशैली और ग्रामीण अनुभव को भी दुनिया के सामने लाने का अवसर मिलेगा।

 

 

 

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