उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार की पहल, साहित्य के क्षेत्र में पहली बार मिलेगा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड..

उत्तराखंड सरकार की पहल, साहित्य के क्षेत्र में पहली बार मिलेगा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार साहित्य की दुनिया में उल्लेखनीय योगदान देने वाले साहित्यकारों को पहली बार लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित करने जा रही है। भाषा मंत्री सुबोध उनियाल का कहना हैं कि इसको लेकर आईआरडीटी परिसर में समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें अवॉर्ड के लिए संभावित नामों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। भाषा मंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा साहित्यकारों को लगातार सम्मानित किया जाता रहा है। लेकिन अब पहली बार लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड की शुरुआत की जा रही है, ताकि उन साहित्यकारों को विशेष पहचान और सम्मान मिल सके, जिन्होंने अपने लेखन से समाज और राज्य को नई दिशा दी है। सुबोध उनियाल ने कहा कि सरकार का उद्देश्य साहित्य और भाषा के क्षेत्र को और मजबूत करना है। समिति द्वारा चयनित नामों की जल्द ही औपचारिक घोषणा की जाएगी।

भाषा मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड भाषा संस्थान लगातार साहित्यकारों को सम्मानित करता रहा है। वर्ष 2022 में साहित्य गौरव सम्मान पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। वहीं वर्ष 2024 में पहली बार साहित्य भूषण पुरस्कार की सम्मान राशि को बढ़ाकर पाँच लाख रुपये किया गया और यह पुरस्कार साहित्यकार सुभाष पंत को प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि साहित्य साधना एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कई ऐसे साहित्यकार भी हैं जिनकी आजीविका का कोई निश्चित साधन नहीं है, लेकिन वे आर्थिक कठिनाइयों की परवाह किए बिना निरंतर साहित्य सृजन में लगे रहते हैं। उनके प्रयासों ने न केवल समाज को नई दिशा दी है, बल्कि देश और प्रदेश स्तर पर भाषायी एवं साहित्यिक उन्नयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें कई ऐसे भी हैं, जो पुरस्कार के लिए आवेदन तक नहीं करते।

भाषा मंत्री ने कहा कि पुरस्कार के लिए जल्द ही नामों पर विचार कर लिया जाएगा। चयनित साहित्यकार को पुरस्कार के रूप में पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। सरकार का मानना है कि ऐसे साहित्यकारों को उचित सम्मान और पहचान मिलनी चाहिए, ताकि साहित्य और भाषा के प्रति नई पीढ़ी में आकर्षण बढ़े और राज्य की साहित्यिक धरोहर और भी समृद्ध हो। समिति द्वारा चयनित नामों की घोषणा जल्द की जाएगी। बता दे कि उत्तराखंड भाषा संस्थान समय-समय पर कवियों, लेखकों और साहित्य से जुड़े व्यक्तियों को सम्मानित करता रहा है। इस नई पहल से राज्य के साहित्यकारों को और भी बड़ा मंच मिलेगा और युवाओं में साहित्य की ओर आकर्षण बढ़ेगा।

 

 

 

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