आयुर्वेद कोर्सों में इस बार सीटें भरने की चुनौती, अब तक 600 छात्रों ने किया प्रवेश के लिए आवेदन..
उत्तराखंड: भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के माध्यम से संचालित आयुर्वेदिक कोर्सों में इस बार प्रवेश प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है। परिषद के आंकड़ों के अनुसार, अब तक राज्यभर के आयुर्वेद कॉलेजों में मात्र छह छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है, जबकि पैरामेडिकल कॉलेजों में कुल तीन हजार से अधिक सीटें उपलब्ध हैं। परिषद की ओर से कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है और नवंबर के पहले सप्ताह में काउंसलिंग आयोजित की जाएगी।
उम्मीद जताई जा रही है कि काउंसलिंग से पहले आवेदन संख्या में वृद्धि हो सकती है। भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा इस वर्ष आयुर्वेद फार्मासिस्ट, नर्सिंग, पंचकर्म सहायक, टेक्नीशियन, और योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक जैसे कोर्सों में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस सत्र में परिषद ने विद्यार्थियों को बड़ी राहत देते हुए आयु सीमा में छूट दी है। इससे अब अधिक आयु वाले अभ्यर्थी भी इन कोर्सों में प्रवेश के पात्र बन गए हैं। बता दे कि आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति युवाओं में जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन जानकारी की कमी और रोजगार संभावनाओं को लेकर असमंजस के कारण छात्र इन कोर्सों से अभी भी दूरी बनाए हुए हैं। वहीं परिषद का कहना है कि जनजागरूकता अभियान चलाकर छात्रों को आयुर्वेदिक शिक्षा की ओर आकर्षित करने की तैयारी की जा रही है, ताकि सीटें खाली न रहें और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को नया प्रोत्साहन मिल सके।
शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आयुर्वेद कोर्सों में प्रवेश के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष से बढ़ाकर 42 वर्ष कर दी गई है। परिषद को उम्मीद है कि इस निर्णय से अधिक विद्यार्थी आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में आगे आएंगे। प्रदेश में वर्तमान में परिषद से मान्यता प्राप्त 26 आयुर्वेद पैरामेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जिनमें करीब 3100 सीटें उपलब्ध हैं। हालांकि, अब तक केवल छह छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। बीते वर्ष भी आधे से अधिक सीटें खाली रह गई थीं, जिससे परिषद के सामने इस बार भी सीटें भरने की बड़ी चुनौती है। भारतीय चिकित्सा परिषद की रजिस्ट्रार नर्मदा गुसाईं ने कहा कि आयुर्वेद कोर्सों में प्रवेश की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद नवंबर माह में काउंसलिंग आयोजित की जाएगी, जिसके बाद छात्रों को कॉलेज आवंटित किए जाएंगे।
