माकोप रैनसमवेयर से हुआ था उत्तराखंड में साइबर हमला, कब्जा लिया डाटा..
उत्तराखंड: तीन अक्टूबर को हुए साइबर हमले के कारण उत्तराखड में चार दिनों तक सरकारी कामकाज ठप पड़ गया था। अब इस हमले की विशेषज्ञों द्वारा पहचान कर ली गई है। उत्तराखंड में माकोप रैनसमवेयर से साइबर हमला किया गया था। उत्तराखंड में माकोप रैनसमवेयर से हमला किया गया था। इसकी साइबर क्राइम की दुनिया में पहली बार साल 2020 में पहचान हुई थी। उत्तराखंड में हमले से पहले भारत में एयर इंडिया, इंडिगो एयरलाइंस, एम्स दिल्ली समेत देश में कई स्थानों पर रैनसमवेयर के हमले हो चुके हैं। हालांकि उत्तराखंड में इस रैनसमवेयर को भेजने वालों की पहचान अब तक नहीं की गई है।
कब्जाया डाटा मिलना बेहद ही मुश्किल
आपको बता दें कि माकोप रैनसमवेयर सिस्टम में घुसने के बाद पूरी फाइल को ही इंक्रिप्ट कर देता है। आसान भाषा में कहें तो उस पर एक लॉक लगा देता है। इसके साथ ही फिरौती के लिए एक नोट छोड़ देता है। जैसे ही सिस्टम खोलने की कोशिश करेंगे तो वह नोट पढ़ने में आता है। बताया जा रहा है कि इस रैनसमवेयर की जद में आया हुआ डाटा वापस मिलना बेहद ही मुश्किल है। इस डाटा का रिकवर होना लगभग असंभव है। हालांकि अभी तक ये पता नहीं लग सका है कि ये साइबर हमला कहां से हुआ है। माकोप रैनसमवेयर से साइबर हमलावर ने उत्तराखंड का डाटा कब्जा लिया है। उसकी मांग पूरी होने की सूरत में ही वापस मिल सकता है। गनीमत यह है कि इसमें से ज्यादातर डाटा बैकअप से ले लिया गया है।
इतना खतरनाक है माकोप रैनसमवेयर..
यह सिस्टम की जानकारी एकत्र कर सकता है। विंडोज के कार्यों को खुद संभाल लेता है। ड्राइव, फोल्डर्स को खोजने पर रोक लगा देता है। हार्डवेयर, मेमोरी पर कब्जा कर लेता है। सिस्टम के अधिकार व पहुंच को कब्जा कर उसमें हेरफेर कर सकता है। अगर खुद छेड़छाड़ करेंगे तो पूरा डाटा खत्म कर देगा। विशेष की दबाने तक छिपा रहेगा और उसे दबाने पर पूरे सिस्टम पर फिर निगरानी शुरू करने की क्षमता रखता है। यह फाइलों को एनक्रिप्ट कर देता है। फोल्डर तक अपनी पहुंच बना लेता है।
कुछ बड़े रैनसमवेयर हमले..
मार्च 2022 में ग्रीस की डाक व्यवस्था रैनसमवेयर का शिकार हुई। भारत की की सबसे बड़ी एयरलाइनों में से एक ने मई 2022 में रैनसमवेयर हमला झेला, जिससे उड़ानें रद्द हो गईं। यात्री फंस गए थे। मई 2021 में एक अमेरिकी ईंधन पाइपलाइन ने रैनसमवेयर हमले के बाद अपने हजारों कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारी रोकने के लिए सेवाएं बंद करनी पड़ी। दुनिया का सबसे बड़ा मांस आपूर्तिकर्ता मई 2021 में रैनसमवेयर हमले का निशाना बन गया। अपनी वेबसाइट को अस्थायी रूप से ऑफलाइन करने और उत्पादन रोकने के बाद कंपनी ने बिटकॉइन में 11 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फिरौती दी।
