उत्तराखंड

निनाद महोत्सव में सीएम धामी का बड़ा ऐलान, कलाकारों की पेंशन तीन हजार से बढ़ाकर छह हजार रुपये की..

निनाद महोत्सव में सीएम धामी का बड़ा ऐलान, कलाकारों की पेंशन तीन हजार से बढ़ाकर छह हजार रुपये की..

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान देने के लिए उत्तराखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून में आयोजित निनाद महोत्सव के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक राज्य स्तरीय और दो मंडल स्तरीय संग्रहालयों का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही हर जिले में आधुनिक सभागार भी बनाए जाएंगे, जिससे स्थानीय कलाकारों को मंच और अवसर मिल सके। सीएम ने कहा कि वृद्ध और अस्वस्थ कलाकारों की मासिक पेंशन को तीन हजार रुपये से बढ़ाकर छह हजार रुपये प्रति माह किया जा रहा है। यह कदम उन कलाकारों के सम्मान और सहयोग के लिए है जिन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा संस्कृति और लोककला के संरक्षण में समर्पित किया है। इसके साथ ही सीएम धामी ने यह भी घोषणा की कि संस्कृति विभाग में पंजीकृत कलाकारों को अब मानदेय नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर (NZCC) की तर्ज पर दिया जाएगा। इससे कलाकारों को न केवल आर्थिक बल मिलेगा, बल्कि प्रदेश की लोकसंस्कृति को भी राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान प्राप्त होगी। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, लोककला और परंपराएं प्रदेश की आत्मा हैं, और सरकार इनका संरक्षण व संवर्धन सर्वोच्च प्राथमिकता पर कर रही है। उन्होंने आह्वान किया कि युवा पीढ़ी भी लोकसंस्कृति से जुड़कर अपने राज्य की अस्मिता को सशक्त बनाए।

उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और कला को नई पहचान देने के लिए सीएम धामी ने शुक्रवार को निंबूवाला में आयोजित निनाद महोत्सव में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। सीएम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और प्रदेश के कलाकारों के हित में चार अहम फैसले किए। सीएम धामी ने घोषणा की कि वृद्ध और आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों व लेखकों की मासिक पेंशन में तीन हजार रुपये की वृद्धि की जाएगी। अब उन्हें छह हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी। यह फैसला उन कलाकारों के लिए राहतभरा कदम माना जा रहा है, जिन्होंने वर्षों तक प्रदेश की लोककला और संस्कृति को जीवित रखने में योगदान दिया है। सीएम ने आगे कहा कि संस्कृति विभाग में सूचीबद्ध सांस्कृतिक दलों के कलाकारों को अब मानदेय और अन्य सुविधाएं भारत सरकार के उपक्रम ‘नॉर्थ जोन कल्चरल सेंटर (NZCC)’ की तर्ज पर दी जाएंगी। इससे कलाकारों को न केवल आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर भी प्राप्त होगा। इसके साथ ही सीएम ने एक और बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश के हर जिले में एक अत्याधुनिक प्रेक्षागृह का निर्माण कराया जाएगा, ताकि स्थानीय कलाकारों को अपने कार्यक्रमों के लिए बेहतर मंच उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, संगीत, नृत्य और पारंपरिक कलाओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति हमारी पहचान है और सरकार का लक्ष्य है कि आने वाली पीढ़ियां भी इस धरोहर से जुड़कर इसे और आगे बढ़ाएं।

सीएम ने कहा कि प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और प्रदर्शन के उद्देश्य से एक राज्य स्तरीय संग्रहालय तथा कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में एक-एक मंडल स्तरीय संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। इससे उत्तराखंड की विविध सांस्कृतिक परंपराओं, लोककला, हस्तशिल्प और ऐतिहासिक विरासत को एक ही छत के नीचे सहेजने और प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। सीएम ने कहा कि हर जिले में एक आधुनिक प्रेक्षागृह (ऑडिटोरियम) बनाया जाएगा, जिससे स्थानीय कलाकारों को अपने कार्यक्रमों के लिए मंच मिल सके और प्रदेश के लोकसंस्कृति आयोजन अधिक सशक्त रूप में सामने आ सकें। सीएम धामी ने कार्यक्रम में भावनात्मक संबोधन देते हुए कहा कि निनाद महोत्सव उत्तराखंड की एकता और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह सांस्कृतिक संगम इस बात का प्रमाण है कि भौगोलिक सीमाएं हमें बांट नहीं सकतीं। हम सब एक साझा विरासत और एक साझा हिमालय की चेतना से जुड़े हुए हैं।” उन्होंने आगे कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति हमें यह याद दिलाती है कि उत्तराखंड राज्य कितनी कठिनाइयों, संघर्षों और बलिदानों के बाद अस्तित्व में आया है। सीएम ने कहा कि उन वीर आंदोलनकारियों की यादों को सहेजना और नई पीढ़ी को उस संघर्ष से प्रेरणा देना हम सबका नैतिक कर्तव्य है। राज्य सरकार उत्तराखंड की कला, संस्कृति और परंपराओं के संवर्धन के लिए ठोस नीति पर कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रदेश की सांस्कृतिक आत्मा को सशक्त बनाना ही “नए उत्तराखंड” की दिशा में सबसे मजबूत आधारशिला है।

 

 

 

 

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