उत्तराखंड

उत्तराखंड में बादल फटा, नंदानगर में छह घर जमींदोज, सात लोग लापता, SDRF-NDRF मौके पर..

उत्तराखंड में बादल फटा, नंदानगर में छह घर जमींदोज, सात लोग लापता, SDRF-NDRF मौके पर..

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर कहर बरपाया है। बुधवार रात चमोली जिले की नगर पंचायत नंदानगर के वार्ड कुन्तरि लगाफाली में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। घटना में छह भवन पूरी तरह से मलबे में दबकर क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे में सात लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल मौके पर पहुँचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। स्थानीय लोगों की मदद से मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश का प्रयास जारी है। वहीं चमोली के ही धुर्मा गांव में भारी वर्षा के कारण कई मकानों को नुकसान पहुंचा है। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है। इस बीच लगातार भारी बारिश को देखते हुए देहरादून जिले में गुरुवार को सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने अभिभावकों और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और किसी भी आपात स्थिति की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।

चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को जानकारी देते हुए कहा कि इस आपदा में सात लोग लापता हैं, जबकि दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। नंदानगर के कुन्तरि लगाफाली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए। डीएम ने कहा कि प्रशासन की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पुलिस बल लगातार मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। वहीं प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय तेज बारिश के साथ अचानक पानी और मलबे का बहाव इतना तेज था कि लोग संभल भी नहीं पाए और मकान मलबे में दब गए। जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सतर्क रहें। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद और राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए सभी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा है। एसडीआरएफ की टीम नंदप्रयाग पहुँच चुकी है, जबकि एनडीआरएफ की टीम गोचर से नंदप्रयाग के लिए रवाना हो गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने जानकारी दी कि मौके पर तुरंत राहत पहुंचाने के लिए मेडिकल टीम और तीन 108 एंबुलेंस रवाना कर दी गई हैं। इसी बीच नंदानगर तहसील के धुर्मा गांव से भी भारी वर्षा के कारण नुकसान की खबर आई है। यहां 4–5 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राहत की बात यह है कि इस गांव में जनहानि की कोई सूचना नहीं मिली है। प्रशासन का कहना हैं कि पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश से मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है। प्रभावित गांवों के लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने की अपील की गई है। राहत दल मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश में लगे हुए हैं। वहीं प्रशासन ने कहा है कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर हर संभव मदद दी जा रही है।

 

 

 

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