उत्तराखंड

केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं में दिखाई दे रहा है बदलाव

यात्रा

सिर्फ़ चार दिन में बिका दस लाख रुपए का स्थानीय प्रसाद

यात्रा मार्ग पर 14 MRP सेंटर स्थापित, चिकित्सकों की तैनाती

रोहित डिमरी
रुद्रप्रयाग। इस बार केदारनाथ यात्रा लीक से हटकर हो रही है। पिछले सालों की अपेक्षा यात्रा का स्वरूप बदला-बदला सा नजर आ रहा है। केदारनाथ में स्थानीय प्रसाद हो या घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन या फिर वायरलैस साउंड सिस्टम, यह सब पहली बार देखने को मिला है। इसका श्रेय रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को जाता है, जिनकी पहल पर यात्रा व्यवस्थाओं में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई दे रहा है।

जिलाधिकारी की पहल पर शुरू की गई स्थानीय उत्पादों का प्रसाद यात्री हाथों-हाथ ले रहे हैं। सिर्फ चार दिन में ही दस लाख रुपए का प्रसाद बिक गया है। शुरूआती चरण में प्रसाद के एक लाख पैकेट तैयार किए गए हैं। जबकि यात्रियों की बढ़ रही संख्या के लिहाज से डिमांड इससे कई गुना ज्यादा है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि दो हजार महिलाएं प्रसाद बना रही हैं। यात्रियों की संख्या को देखते हुए लगता है कि लोकल प्रसाद के पैकेट कम पड़ेंगे। स्थानीय लोगों को प्रसाद बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि विभाग के जरिए महिलाओं को प्रसाद बनाने की ट्रैनिंग दी जा रही है, ताकि प्रसाद की पूर्ति कराई जा सके। बद्रीकेदार मंदिर समिति सभी यात्रियों को लोकल प्रसाद उपलब्ध करा रही है। इसके अतिरिक्त हेलीकॉप्टर से ट्रैवल करने वाले यात्रियों के लिए अलग से प्रसाद के पैकेट बनाए गए हैं। स्थानीय व्यापारियों को भी प्रसाद उपलब्ध करा रहे हैं।

पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार देखने को मिल रहा है। केदारनाथ सहित यात्रा पड़ावों को डॉक्टरों के साथ ही पर्याप्त दवाईयां उपलब्ध हैं। जिला प्रशासन ने मेडिकल सुविधाओं के लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक लगभग 14 मेडिकल रिलीफ पोस्ट स्थापित की है। जिनमें 12 पोस्टों में डॉक्टर, फार्मेसिस्ट और वार्ड ब्वाय उपलब्ध हैं। दो अन्य पोस्ट में फार्मेसिस्ट तैनात हैं। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ में फिजीशियन, कॉडियोलॉजिस्ट, गाइनेकोलोजिस्ट और फार्मेसिस्ट तैनात हैं। इसके अलावा पशुपालन विभाग की ओर से गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक डॉक्टरों की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि घोड़े-खच्चरों के िए गर्म पानी उपलब्ध कराने के लिए केदारनाथ में सोलर हीटर लगा दिया गया है। लिनचौली में हीटर लगाने का काम चल रहा है।

इसके अलावा घोड़े-खच्चर संचालकों की मनमानी रोकने के लिए जिला प्रशासन ने एक नई पहल की है। बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी घोडा-खच्चर और डंडी-कंडी संचालक यात्रा रूट पर नहीं चल सकेंगे। जिला प्रशासन अभी तक 5696 घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन कर चुका है, जिसमें 4758 घोड़े-खच्चर के आईकार्ड निर्गत किए गए हैं। 831 संचालकों के कार्ड भी निर्गत किए गए हैं। डंडी-कंडी संचालकों के 909 रजिस्ट्रेशन हो गए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि पांच या छह मई से किसी भी घोड़े-खच्चर संचालक और डंडी-कंडी संचालक को बिना आईडी कार्ड के यात्रा रूट पर नहीं चलने देंगे। यात्री से अधिक पैसे लेने पर लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सभी संचालकों का डेटा बेस हमारे पास उपलब्ध है। पिछले सालों तक इनके बारे में कोई जानकारी प्री-पेड काउंटर में नहीं होती थी। अब डाटा ऑनलाइन है। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि केदारनाथ में डीजल और मिट्टी तेल के लिए लाइसेंस दिया गया है। दो राशन डीलरों को लाइसेंस दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि जंगलचट‍्टी, भीमबली, लिनचौली सहित पूरे पैदल मार्ग पर यात्रियों के लिए फ्री वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।


सफाई व्यवस्था के लिए कर्मचारी तैनात

सीतापुर से केदारनाथ तक 234 टॉयलेट बनाए गए हैं। तुंगनाथ, चोपता, मद‍्महेश्वर, देवरियाताल और सारी में 47 टॉयलेट स्थापित किए गए हैं। खांकरा से लेकर सीतापुर तक नौ स्थाई टॉयलेट हैं। खांकरा से सोनप्रयाग तक जिला पंचायत के 48 सफाई कर्मचारी तैनात हैं। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक सुलभ इंटरनेशनल के 209 सफाई कर्मचारी हैं और 25 सुपरवाइजर तैनात हैं।

यात्रा मार्ग पर 23 नई दुकानें

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 23 नई दुकानें बनाई जा रही है, जिनमें सात रिफ्रेशमेंट सेंटर हैं। साथ ही केदारनाथ में पचास दुकानें बनाई जानी हैं, जिनमें 25 दुकानें पहले फेज में बनेंगी।

वायरलैस लाउड स्पीकर से मिलेगी मौमस की जानकारी

केदारनाथ पैदल मार्ग पर पहली बार वायरलैस लाउड स्पीकर के जरिए यात्रियों को देश के किसी भी कोने से संदेश दिया जा सकता है। खासकर मौसम खराब होने और यात्रियों को जरूरी एहतियात बरतने की सूचना इसके माध्यम से दी जाएगी। फिलहाल अभी इस पर टेस्टिंग चल रहा है। कुछ दिन में यह चालू मोड में आ जाएगा। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि गौरीकुंड, सीतापुर, भीमबली, रूद्रा प्वाइंट आदि स्थानों पर लाउड स्पीकर लगा रहे हैं। तीन दिन में यात्रा रूट पर वायरलैस स्पीकर काम करना शुरू कर देंगे। इसकी खासियत यह है कि इंटरनेट के जरिए देश के किसी भी कोने से यात्रियों को संदेश दिया जा सकता है। यात्रियों को जरूरी सूचना लाउड स्पीकर के जरिए दी जाएगी।

केदारनाथ यात्रा के लिए नौ कंपनियों को हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति मिल गई है। जिसमें सात कंपनियां अपनी सेवाएं देने लगी हैं। प्रत्येक हेलीपैड में प्रशासन ने हेलीपैड अधिकारी और एक यूनिफार्म जवान तैनात कर दिया है। यूकाडा ने हेलीकॉप्टर कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि यात्रियों से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएं। यात्रियों से आधार और पैन कार्ड नंबर मांगे जाएंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि हमारी पूरी कोशिश है कि टिकट की ब्लैक मार्केटिंग न हो। जो लोग बाहर से टिकट बुक करा रहे हैं, एजेंट उनसे ज्यादा पैसे लेते हैं। हेलीपैड इंचार्ज को निर्देश दिए गए हैं कि इस तरह की कोई भी शिकायत यात्री करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।

संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी तैनात

बद्रीनाथ और केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी और पोकलैंड मशीन तैनात की गई है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि जिन स्थानों पर रोड कटिंग से मार्ग संवेदनशील बना है, वहां पर एनएच द्वारा 14 जेसीबी और चार पोकलैंड लगा दी है। हर 15 किमी पर एक जेसीबी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि रुद्रप्रयाग बाईपास पर तेजी से काम चल रहा है। तीन दिन में बाईपास पूरी तरह टू लेन में तब्दील हो जाएगा।

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