उत्तराखंड में एलटी भर्ती पर लगी रोक हटी, चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ..
उत्तराखंड: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत सहायक अध्यापक (एलटी) के 1352 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस प्रक्रिया पर लगी पूर्व की रोक को हटा दिया है और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) को चयन प्रक्रिया आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष हुई। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ताओं के लिए एक-एक पद रिक्त रखा जाए, ताकि उनके दावों पर अंतिम निर्णय आने तक उनके अधिकार सुरक्षित रह सकें।
मामले के अनुसार, सुषमा रानी सहित अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि चयन प्रक्रिया में उनके ओबीसी प्रमाणपत्रों को वैध नहीं माना गया, जिसके कारण उन्हें चयन सूची से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि उनके प्रमाणपत्रों को मान्य मानते हुए उन्हें चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद यह स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा करते हुए चयन प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से रोका नहीं जा सकता। इसलिए, कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया कि भर्ती प्रक्रिया जारी रखी जाए, परंतु याचिकाकर्ताओं के लिए एक-एक पद आरक्षित रखा जाए, ताकि यदि भविष्य में उनके पक्ष में निर्णय आता है तो उन्हें नियुक्ति का अवसर दिया जा सके।
इस फैसले के बाद लंबे समय से रुकी एलटी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया फिर से गति पकड़ सकेगी। राज्यभर के हजारों अभ्यर्थी इस भर्ती के परिणामों और नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कोर्ट के आदेश के बाद अब नियुक्ति प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने की तैयारी की जा रही है। वहीं, अभ्यर्थियों ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि इससे लंबे समय से चल रही अनिश्चितता अब समाप्त हो जाएगी।
