उत्तराखंड

राज्य स्तरीय योग दिवस कार्यक्रम की तैयारियाँ तेज, भराड़ीसैंण बनेगा अंतरराष्ट्रीय केंद्र..

राज्य स्तरीय योग दिवस कार्यक्रम की तैयारियाँ तेज, भराड़ीसैंण बनेगा अंतरराष्ट्रीय केंद्र..

 

उत्तराखंड: 21 जून को प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के सफल आयोजन को लेकर तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। इसी क्रम में अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे गैरसैंण पहुँचे और विधानसभा भराड़ीसैण में जनपद के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने आयोजन की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए अधिकारियों को ज़िम्मेदारियाँ सौंपीं और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कार्यक्रम सामूहिक, प्रभावी और गरिमामय तरीके से संपन्न हो। उन्होंने कहा कि 21 जून को योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन होगा। 10 देशों के राजदूत इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। सभी सरकारी कार्यालय, स्वास्थ्य केंद्र एवं अन्य संस्थानों को इसमें सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा। अपर सचिव ने अधिकारियों से समन्वय बनाकर कार्य करने और जन भागीदारी बढ़ाने की भी अपील की, जिससे योग दिवस केवल एक औपचारिक आयोजन न बनकर, जनचेतना का पर्व बन सके।

इस अवसर पर अपर सचिव ने अधिकारियों को योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति, आवश्यक सामग्री की उपलब्धता तथा प्रचार-प्रसार के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 21 जून को भराड़ीसैंण में राज्य स्तरीय योग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। आयोजन में 10 देशों के राजदूत भाग लेंगे। जिसमें आमजनमानस की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। सभी सरकारी कार्यालय एवं स्वास्थ्य केंद्र भी सक्रिय रूप से जुड़ेंगे। उनका कहना हैं कि संबंधित अधिकारियों को 19 जून तक सभी व्यवस्थाएं पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। अपर सचिव ने कहा कि यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पहचान को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर सुनियोजित और भव्य आयोजन सुनिश्चित करने को कहा।

अपर सचिव ने कहा कि बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए जलनिकासी, जर्मन हेंगर की व्यवस्था, साउंड सिस्टम , लाइटिंग, सुरक्षा और आपात चिकित्सा सुविधा जैसी व्यवस्थाएं भी दुरुस्त की जाएं ताकि किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने यह भी कहा कि योग दिवस का आयोजन सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं, बल्कि यह मानसिक शांति, संतुलन और सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देने का एक अवसर है। कार्यक्रम में भारत सहित 10 देशों के राजनयिकों, राज्य स्तरीय पदाधिकारियों और स्थानीय नागरिकों की भागीदारी प्रस्तावित है, जिससे यह आयोजन एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन बनने जा रहा है।

 

 

 

 

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