सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं हुआ नियमितीकरण, उपनल संयुक्त मोर्चा ने हड़ताल का एलान किया..
उत्तराखंड: प्रदेश के उपनल कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उपनल संयुक्त मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो 10 नवंबर से प्रदेशभर में हड़ताल शुरू की जाएगी। संगठन के प्रांतीय महामंत्री विनय प्रसाद ने कहा कि लंबे समय से सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखने के बावजूद कर्मचारियों के साथ न्याय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ सहित कई अन्य संगठनों का समर्थन प्राप्त हो चुका है। महामंत्री ने कहा कि प्रदेश के हजारों उपनल कर्मचारी वर्षों से बहुत कम मानदेय पर विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों ने राज्य निर्माण के बाद से ही स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, जल संस्थान और प्रशासनिक सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन आज भी इन्हें अस्थायी कर्मी की तरह रखा गया है। उन्होंने याद दिलाया कि हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में और सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2025 में उपनल कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए नियमितीकरण की दिशा में कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके बाद प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा भी की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। विनय प्रसाद ने कहा कि सरकार की इस उदासीनता से कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है।
प्रदेशभर में उपनल के माध्यम से कार्यरत लगभग 22 हजार कर्मचारी अस्थिर भविष्य और आर्थिक असमानता से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने अब भी हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो हम 10 नवंबर से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेंगे। संयुक्त मोर्चा ने स्पष्ट किया कि इस बार आंदोलन चरणबद्ध नहीं होगा, बल्कि पूरी ताकत के साथ प्रदेशव्यापी विरोध किया जाएगा। संगठन ने सरकार से तत्काल वार्ता कर समाधान निकालने की मांग की है, ताकि आम जनता को होने वाली असुविधा से भी बचाया जा सके। उधर कर्मचारियों के हड़ताल के ऐलान के बाद कई विभागों में कार्य प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि 22 हजार कर्मचारी एक साथ काम छोड़ देते हैं, तो बिजली, जलापूर्ति, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवाओं पर सीधा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि उपनल कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल को उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ का समर्थन मिला है। कर्मचारी संघ के प्रधान महामंत्री प्रदीप कंसल ने कहा कि संगठन ने बैठक कर आंदोलन में शामिल होने का निर्णय लिया है। बैठक में जिलाध्यक्ष पंकज नेगी, अनिल जुयाल, दिनेश कुमार, ताजवीर नेगी, भूपेंद्र सिंह गुसाई, प्रेम सिंह रावत, सूरज पाल, विकास कुमार, राजेश रावत, विनोद सिंह आदि शामिल रहे।