भाईदूज पर विधि-विधान से बंद हुए बाबा केदारनाथ धाम के कपाट, 17.39 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन..
उत्तराखंड: भाईदूज के पावन पर्व पर आज प्रातः 8:30 बजे हिमालय की गोद में स्थित भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। सेना की बैंड की धुन और “जय बाबा केदार” के जयघोष से पूरी केदारपुरी गूंज उठी। बाबा केदार की चल विग्रह पंचमुखी डोली को मंदिर के सभामंडप से विधि-विधानपूर्वक बाहर लाकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना किया गया। अब अगले छह माह तक बाबा केदार के दर्शन ऊखीमठ में ही होंगे। कपाट बंद होने के शुभ अवसर पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु धाम में उपस्थित रहे और इस पवित्र क्षण के साक्षी बने। बाबा केदार की डोली के दर्शन करने के लिए भक्तों का विशाल सैलाब उमड़ पड़ा। हर ओर “हर हर महादेव” के उद्घोष गूंजते रहे।
कपाट बंद करने की प्रक्रिया आज तड़के चार बजे से विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ प्रारंभ हुई। सबसे पहले भगवान केदारनाथ की चल विग्रह पंचमुखी डोली को सभामंडप से बाहर लाया गया। इसके बाद डोली की मंदिर परिसर में परिक्रमा कराई गई। भक्तों और रावल जी की अगुवाई में जब मंदिर के कपाट बंद किए गए, तो श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण वातावरण में अनेक श्रद्धालुओं की आंखें नम हो उठीं। बाबा केदार की पंचमुखी डोली आज रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी।
इसके बाद डोली आगे अपने अगले पड़ावों पर प्रस्थान करेगी और अंततः ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी, जहां पूरे छह माह तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना होगी। इस वर्ष की केदारनाथ यात्रा भक्तिभाव और आस्था के नए कीर्तिमान स्थापित कर गई। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 17.39 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। यात्रा के दौरान प्रशासन और तीर्थ पुरोहित समाज की संयुक्त व्यवस्था से यात्रा शांतिपूर्वक और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हुई। भाईदूज के पावन अवसर पर जब बाबा केदार की डोली ऊखीमठ के लिए रवाना हुई, तो चारों ओर भक्ति और भावनाओं का अद्भुत संगम दिखाई दिया। भक्तों ने फूलों की वर्षा की और पूरे क्षेत्र में भक्ति का सागर उमड़ पड़ा। सेना की बैंड की मधुर धुनों ने इस ऐतिहासिक क्षण को और भी भव्य बना दिया। बता दे कि शीतकाल में केदारनाथ धाम बर्फ से ढक जाता है, इसलिए परंपरानुसार हर वर्ष भैया दूज के दिन कपाट बंद किए जाते हैं।
