उत्तराखंड

वक्फ संपत्तियों को छिपाने वालों पर गिरेगी गाज, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने जारी की कड़ी चेतावनी..

वक्फ संपत्तियों को छिपाने वालों पर गिरेगी गाज, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने जारी की कड़ी चेतावनी..

 

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार अब उन लोगों और समितियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी में है, जो वक्फ संपत्तियों को जानबूझकर छिपा रहे हैं। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा 6 जून 2025 को शुरू किए गए वक्फ पोर्टल का उद्देश्य देशभर की वक्फ संपत्तियों का डिजिटल पंजीकरण, पारदर्शी प्रबंधन और निगरानी सुनिश्चित करना था। हालांकि पोर्टल शुरू होने के बावजूद कई स्थानों से शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ लोग और समितियां वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर दर्ज नहीं कर रही हैं और उन्हें अवैध रूप से दबाने का प्रयास कर रहे हैं। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने इस पर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इस तरह की लापरवाही और धोखाधड़ी राज्य सरकार द्वारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाएगा, ताकि वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। शम्स ने कहा कि वक्फ संपत्तियों की सही रिपोर्टिंग और उचित प्रबंधन हर मुसलमान समुदाय का अधिकार है। इसे दबाना या छिपाना अपराध के दायरे में आता है। हम किसी भी तरह की गड़बड़ी को सहन नहीं करेंगे। वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और उनके पारदर्शी प्रबंधन को लेकर सरकार की यह पहल धार्मिक संस्थाओं और समुदाय के लिए बड़ी राहत साबित होगी।

तीन चरणों में तैयार किया है ‘चेकर-मेकर-अप्रूवल’..

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने साफ कहा है कि जिन लोगों और समितियों ने वक्फ संपत्तियों को छिपाया या पंजीकरण से बचने का प्रयास किया, उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। वक्फ पोर्टल की कार्यप्रणाली पर भी शादाब शम्स ने प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पोर्टल को ‘चेकर-मेकर-अप्रूवल’ के तीन चरणों में तैयार किया गया है, ताकि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी या छुप-छुप कर संपत्ति दर्ज न करने की संभावना न रहे। इसके माध्यम से संपत्तियों का डिजिटल पंजीकरण और निगरानी पूरी पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित होगी। शम्स ने आगे कहा कि यह पहल वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है। किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उत्तराखंड में यह कदम न सिर्फ धार्मिक संस्थाओं में विश्वास बढ़ाएगा, बल्कि वक्फ संपत्तियों के सही और पारदर्शी प्रबंधन में भी मदद करेगा।

बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति या समिति अपनी वक्फ संपत्ति को वक्फ पोर्टल पर दर्ज नहीं करती, तो उसे ‘वक्फ माफिया’ की श्रेणी में रखा जाएगा। शम्स ने कहा कि इस दिशा में वक्फ बोर्ड लगातार मीडिया, सोशल मीडिया और जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से लोगों से अपील कर रहा है कि वे अपनी संपत्तियों का डिजिटल पंजीकरण अवश्य कराएं। उन्होंने चेताया कि संपत्तियों को पोर्टल पर दर्ज न करने की स्थिति में न केवल वक्फ संस्थान, बल्कि पूरे समुदाय को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों का सही पंजीकरण और पारदर्शी प्रबंधन हर मुसलमान समुदाय का अधिकार है। इसे छुपाना या अवैध तरीके से दबाना अब सहन नहीं किया जाएगा। जो लोग नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की यह पहल धार्मिक संस्थाओं की संपत्तियों को सुरक्षित रखने और समुदाय में विश्वास बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

 

 

 

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