उत्तराखंड आपदा राहत, L&T ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए 5 करोड़ रुपये..
उत्तराखंड: नई दिल्ली में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस अवसर पर L&T ने राज्य में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की सहायता और राहत-पुनर्वास कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की। सीएम धामी ने इस सराहनीय योगदान के लिए कंपनी के प्रतिनिधियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में कॉर्पोरेट सेक्टर का यह सहयोग राज्य सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के कार्यों को प्राथमिकता के साथ कर रही है, और ऐसे सहयोग से इन प्रयासों को और मजबूती मिलती है।
सीएम ने कहा कि L&T का यह योगदान केवल वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि यह राज्य में सामाजिक जिम्मेदारी और आपदा प्रबंधन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी दर्शाता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इस राशि का उपयोग आपदा प्रभावित लोगों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने और दीर्घकालीन पुनर्वास कार्यों में करेगी। इस अवसर पर दोनों पक्षों ने आगे भी राज्य में आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की। सीएम ने कहा कि इस तरह के सहयोग से उत्तराखंड में आपदा संवेदनशील क्षेत्र में राहत एवं पुनर्वास कार्यों की गति और प्रभावशीलता दोनों बढ़ेंगी।
सीएम ने कहा कि निजी क्षेत्र की सहभागिता से आपदा प्रभावित लोगों को राहत और सहायता देने के कार्यों में और तेजी आएगी, जिससे प्रभावित लोगों तक मदद तुरंत और प्रभावी ढंग से पहुंच सकेगी। उन्होंने जोर दिया कि संकट की घड़ी में कॉर्पोरेट सहयोग केवल वित्तीय मदद नहीं है, बल्कि यह राज्य के राहत एवं पुनर्वास कार्यों में स्थायी और टिकाऊ योगदान को भी दर्शाता है। सीएम ने कहा कि सरकार आपदा प्रबंधन में सामरिक और तकनीकी उपायों को लागू कर रही है, ताकि संकट के समय राहत कार्यों में समय की बचत हो और प्रभावित लोगों की जरूरतों को तुरंत पूरा किया जा सके।
उन्होंने कहा कि एल एंड टी जैसी कंपनियों का सहयोग राज्य में आपदा प्रबंधन को और अधिक सशक्त बनाएगा और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों की गति और प्रभावशीलता बढ़ाएगा। सीएम ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार सभी राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता के साथ करेगी और निजी क्षेत्र के सहयोग से प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षा, भोजन, आश्रय और पुनर्निर्माण जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पहल उत्तराखंड में सामुदायिक सहयोग और सरकारी प्रयासों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
