चमोली में बादल फटने से तबाही, थराली में तीन लापता, घरों में घुसा मलबा..
उत्तराखंड: चमोली जिले के थराली तहसील क्षेत्र में देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। टूनरी गदेरा में आए बादल फटने से थराली बाजार, कोटदीप और तहसील परिसर में मलबा भर गया। इसके साथ ही चेपड़ों और सागवाड़ा सहित आसपास के कई गांवों में भारी नुकसान की खबर है। आपदा की सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं। गौचर से एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें तथा ग्वालदम से एसएसबी के जवान मौके के लिए रवाना हो चुके हैं। प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है और प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाने का काम जारी है।
टूनरी गदेरा और राड़ीबगड़ क्षेत्र में आए मलबे ने कई घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया। थराली बाजार, कोटदीप और तहसील परिसर समेत कई इलाकों में रातोंरात मलबा भर गया। स्थानीय लोगों के अनुसार कई दुकानों में पानी और मलबा घुसने से सामान बर्बाद हो गया। तहसील परिसर में खड़ी कई गाड़ियां मलबे में दब गईं। वहीं, सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। आपदा में अब तक दो लोगों के लापता होने की सूचना है, जिनमें एक युवती भी शामिल है। राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हो चुकी है। साथ ही स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रबंधन दल और पुलिस की टीमें भी लगातार मलबा हटाने और फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रही हैं। बता दे कि राड़ीबगड़ क्षेत्र में एक बरसाती गदेरा अचानक उफान पर आ गया, जिससे स्थिति और भयावह हो गई। यहां एसडीएम का आवास भी मलबे की चपेट में आ गया। हालांकि, समय रहते एसडीएम और उनका परिवार सुरक्षित स्थान पर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि इस इलाके में कई गाड़ियों के मलबे में दबने की आशंका है। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में लोगों से सतर्क रहने और ऊंचाई वाले सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। राहत एवं बचाव दल लगातार काम कर रहे हैं और हालात पर करीबी नजर रखी जा रही है।
थराली के चेपड़ों गांव में हालात और भी गंभीर हैं। यहां तीन से अधिक दुकानें बह जाने की खबर है। कई मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मलबे का प्रवाह इतना तेज था कि कई वाहन बहकर सीधे लोगों के घरों तक पहुंच गए। थराली बाजार भी मलबे से पूरी तरह पट गया है, जिससे दुकानें और गोदाम क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हालात यह हैं कि मुख्य सड़कों पर वाहन चलना तो दूर, पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया है। आपदा का असर यातायात पर भी पड़ा है। थराली सागवाड़ा मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है, जबकि थराली ग्वालदम मार्ग मिंग्गदेरा के पास बाधित हो गया है। इससे स्थानीय लोगों की आवाजाही ठप हो गई है और राहत-बचाव कार्यों में भी दिक्कतें आ रही हैं। एनडीआरएफ और आपदा प्रबंधन दल की टीमें मौके पर तैनात हैं और मलबा हटाने के साथ-साथ फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं। फिलहाल हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
सागवाड़ा गांव में एक व्यक्ति के मलबे में दबे होने की सूचना है, वहीं इसी गांव की 20 वर्षीय युवती भी मलबे में दब गई है। दोनों की तलाश में राहत और बचाव कार्य जारी है। घटना की जानकारी मिलते ही गौचर से एसडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना हो गई। जिला प्रशासन पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें भी लगातार प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य कर रही हैं। भारी बारिश और आपदा को देखते हुए प्रशासन ने आज थराली, देवाल और नारायणबगड़ विकासखंड के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। इससे छात्रों और अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। वहीं, राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जनपद चमोली के थराली क्षेत्र में देर रात बादल फटने की दुःखद सूचना मिली है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। मैं निरंतर स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और स्वयं स्थिति की गहन निगरानी कर रहा हूं। ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूँ।