उत्तराखंड

सुबोध उनियाल को मिली संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी..

सुबोध उनियाल को मिली संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी..

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में 19 अगस्त से मॉनसून सत्र शुरू होने जा रहा है। सत्र से पहले धामी सरकार ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का पद दिया गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद यह पद खाली था। अब सुबोध उनियाल इस जिम्मेदारी के साथ मॉनसून सत्र में सरकार की तरफ से सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे। राजनीतिक हलकों में इसे सत्र से पहले सरकार की अहम तैयारी माना जा रहा है। बता दे कि उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में 19 अगस्त से 22 अगस्त तक मॉनसून सत्र आहूत किया जाएगा। इस संबंध में फैसला पहले ही 11 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में लिया जा चुका था। हालांकि अब तक सरकार ने संसदीय कार्य मंत्री का पद खाली रखा था, जिससे राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं।

इन चर्चाओं पर 13 अगस्त की शाम विराम लग गया, जब मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से आदेश जारी कर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंप दी गई। पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद यह पद खाली था। सुबोध उनियाल अब आगामी मॉनसून सत्र में सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने की जिम्मेदारी निभाएंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, सत्र के दौरान सीएम से संबंधित विभागों से प्राप्त होने वाले सभी विधायी और संसदीय प्रश्नों के उत्तर देने के लिए सुबोध उनियाल को अधिकृत किया गया है। इसके साथ ही उनसे जुड़े आवश्यक विधायी कार्यों का संचालन भी उन्हीं के जिम्मे होगा। राजनीतिक हलकों में इसे मॉनसून सत्र से पहले सरकार की एक अहम रणनीतिक नियुक्ति माना जा रहा है, ताकि सदन में सरकार की ओर से जवाबदेही और कार्यवाही दोनों सुचारू रूप से चल सकें।

आपको बता दे कि उत्तराखंड में संसदीय कार्य मंत्री का पद करीब पांच महीने से खाली था, जिसे अब कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को सौंप दिया गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 16 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके पास शहरी विकास मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी भी थी। इस्तीफे के बाद ये सभी विभाग सीएम धामी के पास आ गए थे। संसदीय कार्य मंत्री की भूमिका विधानसभा सत्र के दौरान बेहद अहम होती है, क्योंकि इस पद पर बैठे मंत्री को विपक्ष और सदन के सदस्यों के सभी सवालों का जवाब देना होता है। आमतौर पर सीएम इस भूमिका में कम ही नजर आते हैं, इसलिए राजनीतिक हलकों में लंबे समय से यह चर्चा थी कि सरकार जल्द ही किसी को यह जिम्मेदारी सौंपेगी। आखिरकार बुधवार को सरकार ने फैसला लेते हुए सुबोध उनियाल को संसदीय कार्य मंत्री नियुक्त कर दिया। अब 19 अगस्त से भराड़ीसैंण में शुरू हो रहे विधानसभा के द्वितीय सत्र में वह सदन की कार्यवाही में सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे और मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों के प्रश्नों के उत्तर देंगे।

विधानसभा से मिली जानकारी के अनुसार आगामी मॉनसून सत्र से पहले प्रदेश भर के विधायकों द्वारा अब तक करीब 545 सवाल विधानसभा को भेजे जा चुके हैं। इनमें कई सवाल प्रदेश की मौजूदा चुनौतियों और संवेदनशील मुद्दों से जुड़े हैं। हाल ही में उत्तरकाशी के धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है, जिसके चलते आपदा प्रबंधन, पुनर्वास और पुनर्स्थापना इस बार के सत्र के मुख्य विषयों में शामिल रहेंगे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भराड़ीसैंण में होने वाला यह सत्र सरकार के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों की गति, प्रभावित लोगों को मुआवजा, सुरक्षित पुनर्वास स्थलों का चयन और भविष्य में आपदाओं की रोकथाम के लिए की जा रही तैयारियां ये सभी विषय सदन में गरमाहट ला सकते हैं। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य विकास कार्य, स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, शिक्षा सुधार, रोजगार सृजन, सड़क और बुनियादी ढांचे के मुद्दे भी सत्र में उठाए जाने की संभावना है। 19 अगस्त से 22 अगस्त तक चलने वाला यह मॉनसून सत्र सरकार और विपक्ष दोनों के लिए अपनी-अपनी नीतियों और दृष्टिकोण को जनता के सामने रखने का बड़ा मंच साबित होगा।

 

 

 

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