उत्तराखंड

जर्मनी में नौकरी का सुनहरा मौका, उत्तराखंड सरकार देगी फ्री ट्रेनिंग, वीजा और टिकट..

जर्मनी में नौकरी का सुनहरा मौका, उत्तराखंड सरकार देगी फ्री ट्रेनिंग, वीजा और टिकट..

आईटीआई, पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग डिग्रीधारी युवा करें आवेदन..

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत राज्य के युवाओं को अब जर्मनी में रोजगार का शानदार मौका मिल रहा है। सेवायोजन विभाग ने इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस योजना के अंतर्गत पहली बार आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा, और इंजीनियरिंग डिग्रीधारक छात्रों को विदेश में नौकरी करने का अवसर दिया जा रहा है। अब तक यह योजना मुख्यतः नर्सिंग और केयर गीवर जैसे क्षेत्रों तक सीमित थी, लेकिन अब इसे तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए भी विस्तारित कर दिया गया है।

इसका उद्देश्य उत्तराखंड के हुनरमंद युवाओं को वैश्विक स्तर पर रोजगार दिलाना और उन्हें लाखों रुपये तक की कमाई का अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत चयनित युवाओं को जर्मनी में नौकरी मिलेगी। पहली बार इंजीनियरिंग व तकनीकी छात्रों को इस योजना में शामिल किया गया है। आवेदन प्रक्रिया सेवायोजन विभाग के माध्यम से की जा रही है।साथ ही सरकार भाषा प्रशिक्षण, स्किल अपग्रेडेशन व कागजात की प्रक्रिया में भी सहयोग कर रही है।

आपको बता दे कि जिन युवाओं के पास ऑटोमोबाइल, मैकेनिकल, इलेक्टि्रकल याा मेक्ट्रॉनिक्स में डिग्री या डिप्लोमा है, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही इलेक्टि्रकल, मोटर मैकेनिक याा ऑटोमोबाइल में दो वर्षीय आईटीआई कोर्स करने वाले युवा भी जर्मनी जा सकते हैं। इन सभी को पैसेंजर कारों में तीन साल या व्यावसायिक वाहनों में दो साल का अनुभव होना जरूरी है। साथ ही जर्मन भाषा सीखनी होगी, जो विभाग सिखाएगा। जर्मन जाने वाले युवाओं को 2800 यूरो प्रतिमाह (2,50,000 रुपये) वेतन मिलेगा। यह योजना उत्तराखंड के युवाओं के लिए न केवल रोजगार का वैश्विक मंच तैयार कर रही है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी मजबूत और आत्मनिर्भर बना रही है।

राज्य सरकार निशुल्क कराएगी प्रशिक्षण..
सेवायोजन एवं कौशल विकास विभाग के अनुसार युवाओं को ट्रेनिंग के दौरान मुफ्त रहने और खाने की व्यवस्था भी की जाएगी। यही नहीं, वीजा और हवाई टिकट का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। सरकार प्रशिक्षण की कुल लागत का 20 प्रतिशत खर्च स्वयं वहन करेगी, जबकि शेष के लिए स्किल लोन की सुविधा दी जाएगी। इस लोन पर लगने वाले ब्याज का 75 प्रतिशत हिस्सा भी राज्य सरकार देगी, जिससे युवाओं पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। इस योजना का उद्देश्य राज्य के तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इससे उत्तराखंड के युवाओं को विदेश में बेहतर भविष्य की राह मिलेगी और राज्य ग्लोबल स्किल पावर के रूप में उभर सकेगा।

जापान में होटल मैनेजमेंट पास युवाओं के लिए मौका..
उत्तराखंड सरकार होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में दक्ष युवाओं को जापान भेजेगी। इसके लिए सेवायोजन एवं कौशल विकास विभाग ने नए बैच के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना के तहत होटल मैनेजमेंट में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर चुके युवा पात्र होंगे। चयनित युवाओं को जापानी भाषा का एन-4 स्तर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण देहरादून के सहसपुर स्थित संस्थान में कराया जाएगा, जहां निशुल्क आवास और भोजन की सुविधा भी दी जाएगी। इससे पहले सरकार द्वारा होटल मैनेजमेंट के 15 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया था, जिनमें से 13 युवाओं ने जापानी भाषा का एन-4 कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया।

इनमें से चार युवा वर्तमान में जापान में नौकरी कर रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि राज्य के होनहार युवाओं को वैश्विक स्तर पर रोजगार के अवसर दिए जाएं, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें और उत्तराखंड का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन करें। यह योजना उत्तराखंड के उन युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जो होटल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में अपना करियर बनाना चाहते हैं। पूरी प्रक्रिया में युवाओं को कोई आर्थिक भार नहीं उठाना पड़ेगा, क्योंकि प्रशिक्षण से लेकर रहने-खाने तक सभी सुविधाएं निशुल्क होंगी। आवेदन करेने के लिए विभाग की वेबसाइट http://uksds.uk.gov.inपर क्लिक करें और पूरी जानकारी लें। इसके साथ ही विभाग के विदेश रोजगार प्रकोष्ठ की ई-मेल आईडी mccsahaspur@gmail.com पर अपना रिज्यूम भेज सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए 88755597550 पर कॉल भी कर सकते हैं।

उत्तराखंड की युविका से प्रभावित हुए जापान के गवर्नर..
मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत राज्य के अब तक 36 युवा जापान जा चुके हैं। इनमें से 32 युवा केयर गीवर (देखभालकर्ता) की नौकरी कर रहे हैं जबकि 4 होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में कार्यरत हैं। हाल ही में जापान के इबाराकी प्रान्त के गवर्नर काजुहिको ओइगावा इन भारतीय युवाओं से मिले। इस अवसर पर भारत की ओर से रुद्रपुर की बेटी युविका जायसवाल ने प्रतिनिधित्व किया और सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। कार्यक्रम के दौरान युविका ने गवर्नर ओइगावा से जापानी भाषा में आत्मविश्वास के साथ संवाद किया। जब गवर्नर को यह पता चला कि वह सिर्फ तीन महीने से जापानी भाषा सीख रही हैं, तो वे बेहद आश्चर्यचकित हो गए।

गवर्नर ओइगावा ने कहा कि भारत की ख्याति विश्वस्तरीय भाषा कौशल के लिए तो पहले से है, लेकिन इतनी तेज़ी से नई भाषा सीखना कल्पना से परे है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि भविष्य में जापान की कार्यशक्ति का 10 से 30 प्रतिशत हिस्सा विदेशी, विशेषकर भारतीय कर्मचारियों का होगा। सरकार की इस पहल ने उत्तराखंड के युवाओं को न केवल वैश्विक अवसर दिए हैं, बल्कि उन्हें नई भाषाएं और संस्कृतियां सीखने का मंच भी प्रदान किया है। युविका जैसी प्रतिभाएं आने वाले समय में भारत और जापान के सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंधों को और सुदृढ़ करेंगी।

 

 

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