यात्रा का अहम हिस्सा माने जाने वाले घोड़ा-खच्चर संचालकों को दिया जा रहा व्यावहारिक प्रशिक्षण
रुद्रप्रयाग। वर्ष 2018 की केदारनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरु कर दी हैं। केदारधाम में पुर्ननिर्माण के कार्य शीतकाल में भी संचालित हैं तो यात्रा का अहम हिस्सा माने जाने वाले घोडा-खच्चर-डण्डी-कण्डी संचालकों को व्यवहारिक प्रशिक्षण देने का कार्य भी शुरु हो गया है। प्रथम चरण में छः स्थानों पर यह प्रशिक्षण शुरु किया जायेगा, जिसका शुभारंभ शनिवार को ब्लाॅक मुख्यालय अगस्त्यमुनि में विधायक भरत चैधरी व जिलाधिकारी करेंगे।
प्रशिक्षण का उद्देश्य घोडा खच्चर संचालकों को तीर्थ यात्रियों के साथ व्यवहारिक संवाद, फास्ट एड एवं उनके ज्ञान को बढ़ाना है। हर बार प्रशासन द्वारा यात्रा शुरु होने से पहले बडे़ दावे किये जाते हैं, मगर यात्रा काल शुरु होते ही सारे दावे ढेर हो जाते हैं। यहां तक कि सूबे के मंत्री व बडे़ अधिकारी भी बडे़ दावे करते हैं, लेकिन आज तक धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आता है। हर बार कहा जाता है कि मनमाने किराये पर नियन्त्रण रखा जायेगा। एक घोडे के साथ एक संचालक रहेगा। घोडों पर लीद बैग लगाये जायेंगे। बायोमैट्रिक पंजीकरण के बाद ही यात्रा शुरु होगी।
तीर्थयात्री के साथ अभद्रता होने व उन्हें नुकसान की स्थिति में संचालक पर कार्यवाही होगी, मगर ये सारे दावे कहीं भी देखने को नहीं मिलते हैं। बल्कि हर वर्ष तीर्थयात्रियों की शिकायतें बढ़ती ही जाती हैं और प्रशासनिक व्यवस्थाएं भगवान भरोसे ही चलती रहती हैं। अब ऐसे में फिर से प्रशासन ने दावा किया है कि 2018 की यात्रा को व्यवस्थित किया जायेगा और पुरानी शिकायतों का सख्ती से निस्तारण किया जायेगा।
यही कारण है कि अभी से प्रशासन ने यात्रा से जुडे़ तमाम संचालकों से संवाद शुरु कर दिया है। जिसको लेकर शनिवार को प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
