गांव के नीचे अलकनंदा नदी में वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियां हो सकती हैं संचालित
पपड़ासू को पर्यटक गांव के रूप में मिल सकती है पहचान
रुद्रप्रयाग। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर रुद्रप्रयाग जनपद पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध और संपंन हो सकता है। पर्यटन के लिहाज से यहां कई संभावनाएं हैं। आवश्यकता दीर्घकालिक योजनाएं बनाए जाने के साथ ही साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ाने और पर्यटकों को लुभाने के लिए उन्हें सुविधाएं दिए जाने की है। यह तभी संभव होगा, जब जनप्रतिनिधि और अधिकारी सामूहिक प्रयास करेंगे।
रुद्रप्रयाग एक ऐसा जनपद है, जहां पर्यटन की दृष्टि से कई तरह की गतिविधियां संचालित की जा सकती है। साहसिक पर्यटन के लिहाज से जनपद में वाटर स्पोर्ट्स, ट्रैकिंग, रॉक क्लाइबिंग, स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, माउटेंन बाइक राइडिंग समेत अन्य कई तरह के साहसिक खेलों को बढ़ावा देकर रुद्रप्रयाग को विश्वस्तर पर पहचान दिलाई जा सकती है। इस दिशा में रणनीतिक रूप से काम किए जाने की आवश्यकता है।
अब बात करते हैं विकासखंड जखोली के पपड़ासू गांव की। यह गांव बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिरोहबगड़ के ठीक अपोजिट में स्थित है। प्राकृतिक रूप से भी गांव बेहद खूबसूरत है। श्रीनगर हाइड्रो प्रोजेक्ट के बाद गांव के ठीक नीचे अलकनंदा नदी ने झील का रूप ले लिया है। झील का आकार ले चुकी नदी में वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं। नदी में राफ्टिंग, कयाकिंग, वाटर स्कीइंग, कैनोइंग, बोटिंग आदि रोमांचकारी गतिविधि चलाई जा सकती है। इसके साथ ही गांव में ईको पार्क बनाने के अलावा कैंपिंग, माउंटेन टेरेन बाइकिंग, होम स्टे जैसे क्रियाकलाप भी शुरू किए जा सकते हैं।
जिला पंचायत सदस्य आशा डिमरी ने कहा कि पपड़ासू गांव को पर्यटक गांव के रूप में विकसित किए जाने की आवश्यकता है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से चंद कदम की दूरी पर स्थित इस गांव में आज तक पर्यटन की किसी भी तरह की गतिविधि नहीं हुई। गांव के नीचे नदी में वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियां चलाकर स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है।
वहीं जिला साहसिक खेल अधिकारी सुशील नौटियाल ने बताया कि पपड़ासू में एडवेंचर फेस्टिवल प्रस्तावित है। दिसम्बर माह के अंत या जनवरी माह के शुरूआत में यहां पर फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। जिसमें साहसिक प्रशिक्षण के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के क्रिया-कलाप आयोजित होंगे।
