मंदिर में श्रद्धालु अखण्ड ज्योति के करेंगे दर्शन
शुक्रवार को अखण्ड ज्योति को पुनः भंडार गृह में रखा जायेगा
केदारनाथ। भगवान केदारनाथ के कपाट 21 अक्टूबर को भैयादूज के पर्व पर प्रातः सवा आठ बजे बंद कर दिये जायेंगे। कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में रखा जायेगा, जिसके बाद शीतकाल के छः माह भगवान केदार के दर्शन ऊखीमठ में होंगे।
कपाट बंद होने से दो दिन पूर्व आज भंडार गृह से भोलेनाथ की अखण्ड ज्योति को केदारनाथ मंदिर में लाया गया। जहां पर श्रद्धालु अखण्ड ज्योति के दर्शन करेंगे। इसके बाद शुक्रवार की सुबह पुनः अखण्ड ज्योति को भंडार गृह में रखा जायेगा और यह ज्योति शीतकाल के छः माह तक जलती रहेगी। केदारनाथ के पुजारी बागेश लिंग ने बताया कि भगवान भोलेनाथ की अखण्ड ज्योति को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए केदारनाथ मंदिर में लाई गई है। दूसरी सुबह भंडार के लिए अखण्ड ज्योति ले जाई जायेगी। कपाट बंद होने के बाद अखण्ड ज्योति जलती रहेगी।
उन्होंने बताया कि कपाट बंद होने से पूर्व भगवान केदारनाथ की विभिन्न पूजाएं संपंन कर भगवान केदारनाथ के स्वयंभू लिंग को ब्रम्हकमल, भष्म, पुष्प-अक्षत्र सहित विभिन्न पूजार्थ सामाग्रियों से समाधि दी जाएगी। जिसके बाद डोली भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से प्रस्थान कर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिये रामपुर पहुंचेगी। इसके बाद
इसके बाद डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिये विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी और फिर शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी, जिसके बाद बाबा केदार की मूर्ति को पूजा स्थल पर विराजमान किया जायेगा और इसके बाद भगवान केदारनाथ की शीतकाल की पूजा यहीं पर होगी।
