चारधाम यात्रा में उमड़ी आस्था की बाढ़, 46 लाख श्रद्धालु अब तक कर चुके दर्शन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में इस साल की चारधाम यात्रा रिकॉर्ड तोड़ रही है। आपदा की चुनौतियों और मौसम की मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार अब तक चारधाम व हेमकुंड साहिब में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 46 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। गौर करने वाली बात यह है कि बीते वर्ष पूरे यात्रा सीजन में कुल 48 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे, जबकि इस बार यात्रा काल अभी बाकी है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल श्रद्धालुओं की संख्या नए इतिहास रचेगी और पिछले सभी रिकॉर्ड पीछे छोड़ देगी। चारधाम यात्रा के दौरान इस साल बारिश, भूस्खलन और आपदाओं ने कई बार यात्रियों को चुनौती दी, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था और सरकार की व्यवस्थाओं ने यात्रा को सुचारू बनाए रखा।विशेषज्ञों का मानना है कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन की नई ऊँचाइयों को दर्शा रही है।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली चारधाम यात्रा इस साल 30 अप्रैल से शुरू हुई थी। शुरुआत से ही प्रदेश को भारी बारिश, अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा। इन घटनाओं ने न सिर्फ यात्रा संचालन में बाधा डाली, बल्कि कई बार सरकार को श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा। सबसे कठिन हालात उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल क्षेत्र में बने, जहाँ आपदा के चलते गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पूरी तरह से ठप हो गई थी। हालांकि, मौसम के सामान्य होते ही प्रशासन और स्थानीय तंत्र ने तेजी से व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया और चारधाम यात्रा ने फिर से रफ्तार पकड़ ली। इस बार की यात्रा प्रदेश की आपदा प्रबंधन क्षमता और श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का प्रतीक बन गई है। बाधाओं के बावजूद लाखों श्रद्धालु अब तक दर्शन कर चुके हैं और आने वाले दिनों में यह संख्या और भी अधिक होने की संभावना है।
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस बार भी श्रद्धालुओं की भीड़ और रिकॉर्ड तोड़ उत्साह के साथ आगे बढ़ रही है। प्रतिदिन 14 से 15 हजार श्रद्धालु चारधामों में दर्शन कर रहे हैं। यही कारण है कि यात्रा सीजन अभी बाकी होने के बावजूद दर्शन करने वालों की संख्या पिछले साल के रिकॉर्ड के करीब पहुँच चुकी है। इस साल 30 अप्रैल से तीन अक्टूबर तक पंजीकरण का आंकड़ा 57.29 लाख पार कर चुका है, जिनमें से 46 लाख श्रद्धालु अब तक दर्शन कर चुके हैं। शुक्रवार को ही यात्रा के लिए 1900 ऑफलाइन पंजीकरण किए गए। सबसे अधिक भीड़ केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में उमड़ रही है, जहाँ दर्शनार्थियों की संख्या पिछले वर्ष के रिकॉर्ड को छूने लगी है। प्रशासन का दावा है कि यात्रा पूरी तरह सुचारू और व्यवस्थित ढंग से चल रही है। यात्रा की लोकप्रियता और श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए इस बार सरकार और प्रशासन इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है।
