उत्तराखंड

सभी नई भर्तियों में राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10% आरक्षण लागू..

सभी नई भर्तियों में राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10% आरक्षण लागू..

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की अधिसूचना जारी होने के बाद अब सभी भर्तियों के विज्ञापन बदलेंगे। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। शासन या विभागों से कई भर्तियों के अधियाचन उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेजे गए हैं। इनकी विज्ञप्ति अभी जारी नहीं हुई। इस बीच 10 प्रतिशत राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण लागू हो गया है। लिहाजा इन सभी भर्तियों के विज्ञापन अब इस आरक्षण के साथ लागू होंगे। इसके साथ ही जिन भर्तियों के अधियाचन अभी आयोगों को नहीं गए हैं, उन्हें अब क्षैतिज आरक्षण के साथ ही भेजा जाएगा। कार्मिक विभाग लोअर पीसीएस भर्ती के अधियाचन में ये बदलाव करके ही आयोग को भेजेगा। इसी प्रकार अन्य भर्तियां भी अब आंदोलनकारी आरक्षण के साथ ही होंगी।

राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण की अधिसूचना जारी..

 

आपको बता दे कि विधायी विभाग ने सरकारी नौकरियों की भर्ती में चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने रविवार को क्षैतिज आरक्षण संबंधी विधेयक को मंजूरी दी थी। मंजूरी मिलने के बाद विधायी विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी। इस कानून के लागू होने के बाद अब प्रदेश के चिह्नित आंदोलनकारियों के सभी आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लाभ मिलेगा।

पूर्व सरकारों में राज्य आंदोलनकारियों के केवल एक आश्रित के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। उसमें एक आश्रित पुत्र अथवा विवाहित पुत्री का जिक्र था, लेकिन नए कानून में चिह्नित आंदोलनकारियों की परित्यक्ता, विधवा, तलाकशुदा पुत्री को भी क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। प्रवर समिति ने जितने भी संशोधन सुझाए थे, उन्हें एक्ट में शामिल किया गया है। राज्य आंदोलनकारी क्रांति कुकरेती के मुताबिक, एक्ट की परिभाषा को व्यापक किया गया है और इसके दायरे में सभी आश्रितों को लाया गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि राज्य अधीनस्थ चयन आयोग और लोकसेवा आयोग को भेजे जाने वाले अधियाचन में चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों को दिए जाने वाले क्षैतिज आरक्षण संबंधी संशोधन कर दिया जाए, ताकि आने वाले समय में होने वाली भर्तियों में इसका लाभ मिल सके।

 

 

 

 

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