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सेना भर्ती के लिए आये युवा सड़कों और बस स्टेंड पर रात काटने को मजबूर..

सेना भर्ती के लिए आये युवा सड़कों और बस स्टेंड पर रात काटने को मजबूर..

सेना भर्ती में आए युवा सर्दी में भूखे पेट सड़क पर बिताई रात…

उत्तराखंड : प्रादेशिक सेना की खुली भर्ती में आए युवाओं ने सेना भर्ती मैदान में दौड़ लगाई। पहले दिन उत्तराखंड के युवाओं की दौड़ हुई। दौड़ में सफल रहे युवाओं की शारीरिक और मेडिकल जांच होगी। इसके बाद उन्हें मार्च में लिखित परीक्षा देनी होगी। 111 इंफैंट्री बटालियन (टीए कुमाऊं) इलाहाबाद की ओर से पिथौरागढ़ भर्ती मैदान में सात राज्यों उत्तराखंड, यूपी, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ के युवाओं की जीडी और ट्रेडमैन के पदों पर भर्ती की जा रही है। इसमें 79 जीडी और चार ट्रेडमैन की भर्ती होनी है।

इन पदों के सापेक्ष उत्तराखंड, यूपी समेत दूरदराज से करीब पांच हजार से अधिक युवा यहां पहुंचे हैं। सोमवार तड़के चार बजे युवा सेना मैदान में पहुंचकर लाइन में लग गए। पहले दिन उत्तराखंड के युवाओं की दौड़ हुई। भर्ती कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को यूपी की और बुधवार को अन्य प्रांतों की भर्ती होगी। 29 नवंबर को ट्रेडमैन पदों पर भर्ती की जाएगी। भर्ती के लिए युवाओं का हुजूम उमड़ने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। युवाओं को पानी के लिए भी तरसना पड़ा।

भर्ती में उत्तराखंड, यूपी समेत सात प्रांतों के हजारों युवा यहां पहुंचे। उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। लूटे-पिटे, भूखे कई युवाओं ने कड़ाके की ठंड में रात गुजार दी, लेकिन फिर भी उनमें सेना के प्रति खासा जज्बा देखने को मिला। रुड़की से पहुंचे प्रशांत ने बताया कि वह रविवार की दोपहर में यहां पहुंच गए थे। एक दुकान के बाहर उन्होंने और उनके साथियों ने खुले में रात बिताई। बावजूद इसके प्रशांत ने कहा कि फौज में भर्ती होने के लिए यह सब सहन करना पड़ता है।

जसपुर के विशाल कुमार हल्द्वानी से 400 रुपये में अल्मोड़ा और वहां से 500 रुपये टिकट देकर पिथौरागढ़ पहुंचे। यहां से भर्ती मैदान तक जाने के लिए भी उनसे 50 रुपये ऐंठ लिए। उन्होंने फुटपाथ पर रात बिताई। बगैर खाए-पिए वह भर्ती की लाइन में लगे रहे। कोटद्वार के अनूप सिंह टनकपुर से पांच सौ रुपये किराया देकर यहां पहुंचे। उन्होंने भी आसमान के नीचे रात बिताई। मुनस्यारी बिर्थी फाल के बाला सिंह दो दिन पहले ही रिश्तेदारों के यहां पहुंच गए। सोमवार सुबह वह चार बजे भर्ती मैदान में पहुंच गए। बताया कि दिन भर प्यास से परेशान रहे। पानी का कहीं कोई इंतजाम नहीं था।

दिसंबर में भी सेना की भर्ती होनी है। प्रशासन को प्रादेशिक सेना की 83 पदों की भर्ती में उमड़े युवाओं के हुजूम से सबक लेना होगा। रविवार को करीब पांच हजार से अधिक युवा भर्ती को उमड़े। दूरदराज से आए युवा भूखे पेट कड़ाके की ठंड में खुले में रात बिताने को मजबूर थे। व्यापार संघ अध्यक्ष शमशेर सिंह महर का कहना है कि सेना और प्रशासन को अभी से भर्ती की तैयारी करनी होगी। युवाओं के रहने और उनके लिए लंगर की व्यवस्था की जानी चाहिए।

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