उत्तराखंड

दो दिन तक भूखा-प्यासा खाई में पड़ा रहा युवक, पढ़िए पूरी खबर..

दो दिन तक भूखा-प्यासा खाई में पड़ा रहा युवक, पढ़िए पूरी खबर..

दो दिन तक भूखा-प्यासा खाई में पड़ा रहा युवक, पढ़िए पूरी खबर..

उत्तराखंड: जाको राखे साइयां मार सके ना कोई। बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय। ये कहावत तो आपने सुनी होगी। ये कहावत देवभूमि उत्तराखंड में सच साबित हुई हैं। आपको बता दे कि कोटद्वार में एक अजब सा चमत्कार हुआ है। यहा पर एक युवक मौत को करीब से महसूस कर वापस जिंदा लौटा है। युवक दो दिन पहले हादसे का शिकार हो गया था। 2 दिन तक किसी को भी हादसे की भनक तक नहीं लगी। युवक स्कूटी सहित खाई में दो दिन तक भूखा प्यासा बदहवास पड़ा रहा। वो तो युवक की किस्मत अच्छी रही कि 2 दिन के बाद एसडीआरएफ की टीम देवदूत बनकर सामने आई और युवक को खाई से बाहर निकाला।

 

युवक ने खाई के भीतर से मदद के लिए बहुत आवाज लगाई मगर किसी ने भी नहीं सुना। 2 दिन तक युवक खाई में मदद की आशा में रहा और उसने हिम्मत नहीं खोई। घायल युवक की पहचान 29 वर्षीय उपेंद्र त्यागी निवासी गाजियाबाद के रूप में हुई है। उपेंद्र किसी निजी काम से गाजियाबाद से कोटद्वार आया हुआ था और वह हादसे का शिकार हो गया। दुगड्डा के पास उपेंद्र की स्कूटी का बैलैंस बिगड़ गया और वह सीधा खाई में जा गिरा। 2 दिन तक किसी को भी हादसे की भनक तक नहीं लगी।  बीते गुरुवार को लोगों ने खाई में घायल अवस्था में पड़े उपेंद्र और उसकी स्कूटी को देखा जिसके बाद उन्होंने तुरंत ही एसडीआरएफ को इस बारे में सूचित किया।

 

एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और उपेंद्र का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया। एसडीआरएफ की टीम ने 80 मीटर गहरी खाई से कड़ी मशक्कत के बाद घायल और उसकी स्कूटी को स्ट्रेचर की मदद से बाहर निकाला। सब लोग यह देख कर शुक्र मना रहे हैं और हैरान भी हैं कि 2 दिन तक उपेंद्र भूखा-प्यासा खाई में बदहवास रहा और वह मौत को करीब से छू कर वापस आया है। उपेंद्र ने बताया कि वह किसी काम से कोटद्वार आया हुआ था और यहां हादसे का शिकार हो गया। उसने मदद के लिए आवाज भी लगाई मगर 800 मीटर गहरी खाई होने के कारण किसी ने भी उसकी आवाज नहीं सुनी। सिर और पैर में लगीं गंभीर चोटों के कारण वह खाई से बाहर नहीं निकल पाया।

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