उत्तराखंड

उत्तरकाशी: विदेश में योग सिखाने के बाद अब पुश्तैनी घर में होम स्टे

उत्तरकाशी जिले के कोटबंगला निवासी पीयूष बनूनी ने पहले विदेशों में योग प्रशिक्षक के रूप में पहचान बनाई। अब उन्होंने विदेश छोड़कर अपने गांव में पर्यटन को बढ़ावा देना शुरू कर दिया।
उत्तरकाशी: विदेशों में योग-ध्यान का ज्ञान देने के बाद वापस लौटे 32 वर्षीय पीयूष बनूनी ने उत्तरकाशी को योग-ध्यान और पर्यटन का केंद्र बनाने की पहल शुरू की है। पीयूष ने जिला मुख्यालय से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर पठालियों (पत्थर की स्लेट) से बने अपने पुस्तैनी घर को पारंपरिक रूप में ही सजाया-संवारा और उसमें होम स्टे शुरू किया है। यहां ठहर रहे देशी-विदेशी पर्यटक योग-ध्यान सीखने के साथ ही पहाड़ी संस्कृति से भी परिचित हो रहे हैं।

उत्तरकाशी जिले के कोटबंगला निवासी पीयूष बनूनी ने उत्तरकाशी में ही शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद वर्ष 2007 में उन्होंने मदुरै (तमिलनाडु) स्थित अंतरराष्ट्रीय शिवानंद योग संस्थान से योग का प्रशिक्षण लिया और फिर बहामस में करीब पांच साल तक योग प्रशिक्षक रहे। इसके साथ ही यूरोप के फ्रांस, स्विटजरलैंड, जर्मनी व चेक रिपब्लिक में भी विदेशियों के लिए कई योग शिविर आयोजित किए।
अब पीयूष विदेशों में योग सिखाने के बजाय उत्तरकाशी को ही योग-ध्यान व पर्यटन का हब बनाना चाहते हैं। इसके लिए सबसे पहले उन्होंने अपने पुराने घर को ही पारंपरिक स्वरूप में संवारकर उसमें होम स्टे शुरू किया। विदेशी मेहमानों को पहाड़ी संस्कृति से परिचित कराता यह घर खासा पसंद आ रहा है। अब उन्होंने होम स्टे के लिए पंजीकरण को पर्यटन विभाग में आवेदन किया है। उत्तरकाशी शहर के आसपास होम स्टे के लिए यह पहला घर है।

पीयूष कहते हैं कि भारत की संस्कृति, सभ्यता, गंगा, हिमालय, यहां के पहाड़ एवं परिवेश से विदेशियों को परिचित कराना उनका मुख्य ध्येय है। इसी के निमित्त उन्होंने होम स्टे की शुरूआत की है। कहते हैं, शहर के निकट जिन लोगों के पास पहाड़ी शैली के घर हैं, उन्हें भी इनमें थोड़ा सुधार कर होम स्टे के लिए प्रेरित कर रहा हूं। इससे लोगों को घर बैठे रोजगार मिलने लगेगा। आज विदेशी पर्यटक होटलों के बजाय गांव में स्थानीय लोगों के बीच रहना ही पसंद कर रहा है।

जर्मन बाला से रचाया ब्याह

योग ने पीयूष के साथ ऐसा संजोग बांधा की जर्मनी की स्टेफनी भी पीयूष से प्रभावित हुए नहीं रही। सभ्यता एवं परिवेश विषय में बर्लिन यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री ले चुकी स्टेफनी वर्ष 2013 में दिल्ली में एक योग कार्यक्रम के दौरान पीयूष से मिली।

पीयूष ने स्टेफनी को उत्तरकाशी लाकर अपने परिवार से परिचित कराया। 14 अप्रैल 2017 को स्टेफनी ने दिल्ली के आर्य समाज मंदिर हिंदू धर्म अपनाया और पीयूष से शादी के बंधन में बंध गई।

पर्यटन विभाग करेगा प्रोत्साहित

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के मुताबिक योग प्रशिक्षक पीयूष बनूनी ने होम स्टे के रूप में एक अच्छी शुरूआत की है। उनसे प्रेरणा लेकर उत्तरकाशी के आसपास के ग्रामीण भी अपने पुश्तैनी घरों को होम स्टे के लिए तैयार कर सकते हैं। पर्यटन विभाग व प्रशासन उन्हें प्रोत्साहित करेगा।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top