उत्तराखंड

बीमारी से मुक्त होने का आसान तरीका निरंतर अभ्यास..

बीमारी से मुक्त होने का आसान तरीका निरंतर अभ्यास..

विश्व फिजियोथेरपी दिवस के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन..

 

 

 

रुद्रप्रयाग:  विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर हेल्पेज इंडिया के केदार वृद्ध ग्राम गिंवाला, अगस्त्यमुनि में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें संस्था में स्वास्थ्य लाभ ले रहे लकवाग्रस्त मरीजों के साथ उनके तीमारदारों ने प्रतिभाग किया। गोष्ठी में बतौर वक्ता भाग लेते हुए सामाजिक कार्यकर्ता हरीश गुसाईं एवं अनसूया मलासी ने उपस्थित शारीरिक चिकित्सा ले रहे मरीजों को दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ चिकित्सक की सलाह एवं निरन्तर अभ्यास से बीमारी से मुक्त होने का आह्वान किया।

 

उन्होंने तीमारदारों से भी अपील की कि वे मरीजों को शारीरिक एवं मानसिक सम्बल दें, जिससे वे अपनी बीमारी से लड़ सकें। संस्था के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ रंगलाल यादव ने फिजियोथेरेपी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि व्यायाम के जरिए मांसपेशियों को सक्रिय बनाकर किए जाने वाले चिकित्सा की विद्या शारीरिक चिकित्सा या फिजियोथेरेपी कहलाती है। वास्तव में यह शारीरिक क्रिया चिकित्सा है। फिजियोथेरपी का मतलब जीवन को पहचानना और उसकी गुणवत्ता को बढाना है।

 

साथ ही साथ लोगों को उनकी शारीरिक कमियों से बाहर निकालना, निवारण, इलाज बताना और पूर्ण रूप से आत्म-निर्भर बनाना है। यह शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक क्षेत्र में अच्छी तरह से काम करने में मदद देता है। हेल्पेज के जिला प्रबंधक प्रवीण राय ने कहा कि संस्था द्वारा केदारनाथ आपदा के बाद से ही पूरी घाटी में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है।

 

विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों की दुश्वारियों को देखते हुए अगस्त्यमुनि के गिंवाला गांव में फिजियोथेरेपी का केन्द्र स्थापित किया गया है, जिसमें पिछले सात वर्षों में 5,500 से अधिक लकवाग्रस्त मरीजों का सफलतापूर्वक ईलाज किया गया है। सामाजिक सुरक्षा अधिकारी पंकल राठौर ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत एवं आभार प्रकट करते हुए कहा कि हेल्पेज का केदार वृद्ध गांव फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में न केवल प्रदेश में बल्कि पूरे देश में नाम कमा रहा है। आज अन्य प्रदेशों से भी मरीज आकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। गोष्ठी में संस्था के जिला समन्वयक प्रवीण राय, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी पंकज राठौर, डॉ रंगलाल यादव, प्रशासनिक अधिकारी विष्णु दुबे, लेब तक्नीसियन प्रशान्त, हिमांशु, पवन, हरीश आदि ने प्रतिभाग किया।

 

 

 

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