उत्तराखंड

चिकित्सकों ने आयोडीन अल्पता के खतरों के प्रति किया आगाह..

चिकित्सकों ने आयोडीन अल्पता के खतरों के प्रति किया आगाह..

विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में विश्व आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस मनाया..

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में स्वास्थ्य केंद्रों में हुए जागरूकता कार्यक्रम..

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। विश्व आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस के मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में जनपद में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में स्वास्थ्य के दृष्टिगत आयोडीन युक्त नमक के महत्व व आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों के प्रति आगाह करते हुए जरूरी उपायों के बारे में जागरूक किया गया।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ विमल सिंह गुसाईं ने बताया कि आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों से बचाव के बारे में जनजागरूकता के दृष्टिगत विश्व आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जखोली, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऊखीमठ, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाटा व समस्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में आयोडीन अल्पता विकास नियंत्रण दिवस का आयोजन किया गया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ हेमा असवाल ने कहा कि आयोडीन के कमी से कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं व शिशुओं के लिए आयोडीन जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। आयोडीन की कमी से गर्भवती महिलाओं में गर्भपात, नवजात शिशुओं में वजन कम होना, शिशु का मृत पैदा होना, शिशुओं में आयोडीन की कमी से शारीरिक एवं बौद्धिक विकास संबंधी समस्याएं जैसे मस्तिष्क का विकास धीमा होना, शरीर का कम विकसित होना, बौनापन, देर से यौवन आना, सुनने व बोलने में समस्याएं एवं समझ की कमी आदि समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि आयोडीन की कमी के कोई भी लक्षण दिखाई देने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में अथवा हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क कर परामर्श लिया जा सकता है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जखोली में आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ यास्मिन निशा ने आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए भोजन में आयोडीन युक्त नमक के सेवन पर जोर दिया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऊखीमठ में डाॅ शाकिब हुसैन ने आयोडीन नमक के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में वस्तारपूर्वक जानकारी दी। कहा कि आयोडीन नमक को हवा बंद डिब्बे में रखें, नमक को नमी से बचाएं एवं आग के पास न रखें, नमक को मिट्टी के वर्तन में न रखें व गीले हाथों से न छूवें।

वहीं समस्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर द्वारा समुदाय स्तर पर गोष्ठियां कर आयोडीन अल्पता से होने वाले लक्षणों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रमों में डाॅ शाकिब, डाॅ मनीष रावत, डाॅ गुलबहार, एएनएम दर्शनी नेगी, बीएलए सुधीर शुक्ला, बलवंत बजवाल, अमित नौटियाल आदि मौजूद रहे।

 

 

 

 

 

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