उत्तराखंड

महिला अस्पताल में सामान्य प्रसव के बाद प्रसूता ने तोड़ा दम..

महिला अस्पताल में सामान्य प्रसव के बाद प्रसूता ने तोड़ा दम..

उत्तराखंड: अल्मोड़ा के सोमेश्वर चनौदा के ग्राम खिराकोट में महिला अस्पताल में सोमवार देर रात सामान्य प्रसव से बेटी को जन्म देने के आधे घंटे बाद प्रसूता की मौत होने से घर में कोहराम मच गया। खिराकोट निवासी भाकुनी देवी (25) पत्नी कैलाश सिंह को सोमवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद परिजन प्रसूता को सोमेश्वर अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन वह से प्रसूता को अल्मोड़ा रेफर कर दिया गया। परिजनों ने उसे अल्मोड़ा महिला अस्पताल में भर्ती कराया। पूरा दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद रात करीब 10:09 बजे सामान्य प्रसव से उसने बेटी को जन्म दिया।

 

सामान्य प्रसव होने के बाद अचानक उसकी हालत बिगड़ने लगी। डॉक्टर उपचार करने में जुटे लेकिन उसे बचा नहीं सके। प्रसूता का शव परिजनों को सौंप दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि जन्मा नवजात पूरी तरह स्वस्थ है। बताया जा रहा है कि महिला का पहला प्रसव था। बच्चे की किलकारियों के बीच मां की मौत ने खुशियों को गम में बदल दिया।

 

वेंटिलेटर की सुविधा होती तो शायद बच सकती थी जान..

अगर यहा पर वेंटिलेटर सुविधा होती तो शायद प्रसूता की जान बच सकती थी। वेंटिलेटर के अभाव में कई बार गंभीर मामलों में मरीजों के जान पर बन आती है। आपको बता दें कि इस महिला अस्पताल को भी कोरोना काल में दो वेंटिलेटर मिले हैं, लेकिन स्थान के अभाव में वेंटिलेटर अब तक स्थापित नहीं हो पाए हैं। इस कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बीते सोमवार को भी प्रसूता महिला की तबियत बिगड़ने के बाद उसे वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ी।

 

अल्मोड़ा में गर्भवती महिलाएं उपचार के लिए आती हैं लेकिन पर्याप्त उपचार नहीं मिलने से आए दिन गर्भवती महिलाओं की अकाल मौत हो रही है। उन्होंने इसके लिए सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधियों और स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि डबल इंजन की सरकार अल्मोड़ा समेत जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के प्रति लापरवाह बनी हुई हैं। जिससे आए दिन पर्याप्त उपचार नहीं मिलने से गर्भवती महिलाओं की मौत हो रही है।

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