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डेढ़ साल तक पति ने पत्नी को शौचालय में रखा कैद..

डेढ़ साल तक पति ने पत्नी को शौचालय में रखा कैद..

देश-विदेश : हरियाणा के पानीपत में मानवीयता की सारी हदे उस समय पार हो गयी। जब एक पति ने अपनी जीवनसंगिनी को डेढ़ साल से घर के टॉयलेट में बंद कर तरह-तरह की यातनाएं दी। यहाँ घटना पानीपत के गांव सनौली की है। जहा एक पति ने अपनी पत्नी को टॉयलेट में बंधक बना रखा था। उसे 15 से 20 दिन में एक बार बाहर निकालते थे और अगर वह कुछ कहे तो उससे मारपीट करके उसे दुबारा बंद कर देते थे। इस घटना के सामने आने के बाद अमानवीयता का एक नया चेहरा देखने को मिला है। रिपोर्ट के अनुसार आरोपी पति पत्नी को पीटता था और वह उसे खाने को भी नहीं देता था।

 

 

बाहर निकलते ही मांगी रोटी..

घटना सामने आने के बाद जिला संरक्षण अधिकारी रजनी गुप्ता ने सनौली थाना की पुलिस की मदद मांगी। पुलिस की मदद से महिला को कैद से मुक्त कराया गया। महिला जब शौचालय से बाहर निकली तो उसने सबसे पहले खाने को रोटी मांगी। महिला को बाहर निकालने के बाद नहलाया धुलाया गया। इतने लंबे समय तक शौचालय में बंद रहने की वजह से महिला के पैर सीधे नहीं हो रहे हैं। महिला की हालत देखकर किसी की भी आंखें नम हो जाएंगी।

महिला के 3 बच्चे हैं वह इस मामले को देखकर भी चुप हैं। महिला की एक लड़की 13 साल और दूसरी लड़की 11 साल की है। और एक लड़का लगभग 13 साल का है। अपनी माँ को टॉयलेट में बंद रखने पर उन्होंने कभी कोई विरोध नहीं किया। इसका क्या कारण हो सकता हैं।

आरोप है कि 35 वर्षीय रामरति के पति नरेश ने महिला को तकरीबन डेढ़ वर्ष तक शौचालय में बंधक बनाकर रखा था और उन्हें दिन में सिर्फ एक बार खाना खिलाने के लिए बाहर निकाला जाता था। रजनी गुप्ता ने बताया कि हमे इस बाबत सूचना मिली थी, जिसके बाद हम नरेश के घर पहुंचे, उस वक्त नरेश अपने दोस्तों के साथ ताश खेल रहा था। जब हमने उससे रामरति के बारे में पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो वह हमे पहली मंजिल पर ले गया और शौचालय का दरवाजा खोला, जहां रामरति बंद थी।

 

 

शरीर हड्डियों के ढांचे में बदला..

महिला शौचालय में गंदे कपड़ों में थी, शरीर की हड्डियां तक दिख रही थी। बाहर निकालने पर महिला ने रोटी मांगी। महिला ने खाना खाया और कैद से आजाद होने की खुशी उसके चेहर पर साफ देखी जा सकती थी। नरेश ने बताया कि 10 साल पहले रामरति के पिता और भाई की मौत हो गई थी, उसके बाद से ही रामरति मानसिक रूप से बीमार है। मुझे डर था कि वह कहीं चली ना जाए या किसी को नुकसान ना पहुंचाए इसलिए उसे शौचालय में बंद करके रखते थे। वहीं जब उससे इलाज के कागज मांगे गए तो उसने 3 साल पुराने कागज दिखाए। इस मामले में थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

 

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