दस किमी दूर स्रोत से पानी ढोने को मजबूर ग्रामीण..
पानी न होने मवेशी बेचने को मजबूर ग्रामीण..
रुद्रप्रयाग: तल्लानागपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत बिजराकोट के बौरा तल्ला-मल्ला में पानी का संकट बना हुआ है। स्थानीय ग्रामीण नई पेयजल योजना और हैंडपंप लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सम्बंधित विभाग किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहा है। स्थिति यह है कि ग्रामीण दस किमी दूर पेयजल स्रोत से पानी ढोने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायत बिजराकोट के बौरा तल्ला-मल्ला के लिए पेयजल लाइन निर्माण के लिए ग्राम पंचायत जग्गी-कांडई ने अपनी सीमा में स्थित पेयजल स्रोत से पेयजल आपूर्ति हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पेयजल स्रोत पर पर्याप्त पानी होने के बावजूद योजना का निर्माण नहीं किया जा रहा है। जल निगम के अधिकारी गर्मी के सीजन में स्रोत पर पानी कम होने की बात कह रहे हैं, जबकि पानी की कोई कमी नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण नेगी का कहना है कि बौरा में पचास परिवारों के सामने पानी का गंभीर संकट है।
ग्रामीण कभी टैंकर तो कभी दस किमी दूर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। पानी न होने से ग्रामीणों ने मवेशी भी बेचने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि हैंडपंप लगाने की मांग भी आज तक पूरी नहीं हो पाई है। ग्रामीण युद्धवीर पंवार, जितेंद्र नेगी, रमेश सिंह, लक्षमण सिंह, दिनेश सिंह, कलम सिंह, वीरेंद्र सिंह, भरत सिंह, हरीश सिंह का कहना है कि जल संस्थान की योजना पर पानी की आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। स्थिति यह है कि बरसात का पानी एकत्रित करना पड़ रहा है।
टैंकरों से नियमित पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। वहीं उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि बौरा गांव में जल जीवन मिशन के तहत घरों में नल लगाए गए हैं, जो पूरी तरह सूखे हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि बिना पानी के पाइप लाइन क्यों बिछाई जा रही है। पहले पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती, उसके बाद नल लगाए जाते। उन्होंने जल निगम के अधिकारियों से बौरा गांव के लिए जल्द से जल्द पेयजल योजना का निर्माण करने को कहा। उन्होंने जल संस्थान से हैंडपंप लगाने की मांग की।