उत्तराखंड पुलिस हरिद्वार कुम्भ में भी चलाएगी अनूठी मुहिम..
उत्तराखंड: पुलिस ने बच्चों द्वारा की जा रही या उनसे करायी जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम, जनता द्वारा बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूक करने व भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के पुनर्वास के लिए प्रचलित अभियान “ऑपरेशन मुक्ति” प्रदेश के सभी जिलों के साथ-साथ कुम्भ मेला क्षेत्र में भी 1 मार्च से 30 अप्रैल तक भिक्षा नहीं, शिक्षा दो व Educate a child की टैग लाईन के साथ एक बार फिर चलाया जाएगा।
देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल में एक एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट सहित चार टीम (01 उपनिरीक्षक, 04 आरक्षी) नियुक्त की जाएगी। बाकी जिलों में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट इस अभियान को चलाएगी । रेलवेज में भी एक टीम का गठन किया जाएगा। प्रत्येक टीम मे एक महिला कर्मी भी नियुक्त होगी। कुम्भ मेला क्षेत्र में यह अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा।
अभियान का मकसद सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ Integrated Drive चलाकर प्रभावी Enforcement के माध्यम से बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम करना, जनता को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूक करना व भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों का पुनर्वास हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाना है।
अभियान तीन चरणों में इस तरह से किया जायेगा संचालित..
पहला चरण: 1 मार्च से 15 मार्च तक भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों व उनके परिजनों का विवरण तैयार कर सम्बन्धित विभागों से समन्वय कर बच्चों का स्कूल/डे केयर में दाखिला किये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी।
दूसरा चरण: 16 मार्च से 31 मार्च तक स्कूल, काॅलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चैराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों, सम्पूर्ण कुम्भ क्षेत्र सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस सम्बन्ध में सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाएगा। साथ ही भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के परिजनों को भिक्षावृत्ति न करने व कौशल विकास के सम्बन्ध में जागरूक किया जाएगा।
तीसरा चरण: 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर उनकी एवं उनके परिजनों की काॅउन्सलिंग। बच्चों के पुनः भिक्षावृत्ति में लिप्त पाये जाने पर उनके परिजनों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत करने की कार्यवाही तथा किसी भी प्रकार का संदेह होने पर डी0एन0ए0 टेस्ट की कार्यवाही की जाएगी।