समस्याओं के समाधान को केन्द्रीय परिवहन मंत्री से मिलेगा शिष्टमंडल…
नई गाइडलाइन के तहत सरकारी जमीन पर बने भवन स्वामियों को भी मिलेगा मुआवजा…
तिलवाड़ा में बाईपास निर्माण की संभावनाओं को लेकर डीएम को दिया प्रतिवेदन…
खांकरा में फिर से होगा संयुक्त सर्वेक्षण….
रुद्रप्रयाग। चारधाम परियोजना संघर्ष समिति की बैठक में तय किया गया कि जनपद रुद्रप्रयाग की परियोजना से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए एक शिष्टमंडल जल्दी ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलेगा।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने अब तक के घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के तहत दिसम्बर 2018 में भूमि अधिग्रहण के लिए एक नई गाइडलाइन तैयार हुई है। जिसके तहत सरकार सरकारी जमीन पर बने भवनों का मुआवजा देने को तैयार हो गई है। इस संबंध में नई नीति की प्रति जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को उपलब्ध कराई गई है, जिस पर जिलाधिकारी ने राजस्व सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि मुआवजे की कार्यवाही जल्द से जल्द हो सके, इसके लिए लगातार शासन-प्रशासन पर दबाव बनाए रखना होगा।
खांकरा पुल के फिर से सर्वेक्षण की मांग पर जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता को पत्र लिखकर एक समिति बनाकर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। समिति में खांकरा के भी 2 तकनीकी जानकर शामिल होंगे। इस बीच तिलवाड़ा में बाईपास का निर्माण करने की संभावनाओं को तलाशने का एक प्रतिवेदन भी जिलाधिकारी को दिया गया। जिलाधिकारी ने उस पर भी समुचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। भीरी में सड़क के चैड़ीकरण से कम से कम लोग प्रभावित हों, इसके लिए संघर्ष समिति का एक अध्ययन दल अतिशीघ्र वहां जाएगा और संभावित विकल्पों पर अपनी रिपोर्ट समिति को प्रस्तुत करेगा।
इसके आधार पर इस मामले को भी सड़क परिवहन मंत्री के सम्मुख रखा जाएगा। बैठक में संघर्ष समिति के महामंत्री अशोक चैधरी, वरिष्ठ पत्रकार और जन अधिकार मंच के संस्थापक सदस्य रमेश पहाड़ी, एडवोकेट केपी ढौंडियाल, उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश सचिव प्रदीप बगवाड़ी, सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णानंद डिमरी, तरूण पंवार, अमित रतूड़ी, विपिन वर्मा, भीरी से सुरेन्द्र सिंह बिष्ट समेत अन्य लोग मौजूद थे।