उत्तराखंड

पैसों का प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी को दो साल की सजा..

पैसों का प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी को दो साल की सजा..

अर्थदंड अदा नहीं करने पर छः माह का अतिरिक्त भुगतना होगा कारावास..

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। नाबालिग को पैंसों का प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध बनाने की मांग करने एवं लैंगिक उत्पीड़न के मामले में विशेष न्यायाधीय (पोक्सो) श्रीकान्त पाण्डेय ने अभियुक्त को दोषी मानते हुए दो वर्ष के कठोर करावास एवं पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने की सजा सुनाई। अभियुक्त की ओर से अर्थदंड की धनराशि अदा न करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भोगनी पड़ेगी।

मामले में पीड़िता छात्रा के पिता ने 27 मई 2022 को नायब तहसीलदार को अपनी नाबालिग पुत्री के साथ अभियुक्त यशवन्त सिंह द्वारा पैसों का प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध स्थापित करने की मांग करने तथा लैंगिक उत्पीड़न करने की शिकायत का प्रार्थना पत्र दिया। नायब तहसीलदार ने मामले में पिता की तहरीर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की, जबकि जिलाधिकारी के आदेश पर मामले की अग्रिम विवेचना रेगुलर पुलिस को हस्तांतरित की गई। मामले में सम्पूर्ण विवेचना के बाद विवेचक ने पीड़िता, माता-पिता और अन्य गवाहों के बयानों के आधार पर अभियुक्त यशवन्त सिंह के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाते हुए आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया।

विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 8 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया गया। सभी गवाहों ने मामले का पूर्ण समर्थन किया। पीड़िता ने अपने बयानों में बताया कि 27 मई 2022 को पीड़िता स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर जा रही थी। तभी पीछे से आ रही कार उसके पास आकर रुकी। कार अभियुक्त यशवन्त सिंह द्वारा चलाई जा रही थी, जबकि उसमें दो अन्य व्यक्ति सवार थे। अभियुक्त द्वारा पीड़िता को आपनी कार में बिठाया गया और कुछ दूर आगे चलने पर कार में सवार दो अन्य व्यक्ति उतर गए। पीड़िता भी कार से उतरने जा रही थी कि अभियुक्त ने पीड़िता से कहा कि वह आज अपने किसी व्यक्तिगत कार्य से पीड़िता के ही गांव की ओर जा रहा है और अभियुक्त ने पीड़िता से बोला कि तुम्हें गांव छोड़ दूंगा।

पीड़िता गांव तक छोड़ने की बात पर कार में बैठ गई। अभियुक्त की कार से पीड़िता व अभियुक्त गांव की ओर चले। कुछ दूर आगे चलने के बाद पानी के गदेरे पर अभियुक्त ने कार रोकी और पानी पीने को कहकर कार से नीचे उतरा। पानी पीने के बाद अभियुक्त कार में बैठा और जेब से पैंसे निकालकर अभियुक्त ने पीड़िता को प्रलोभन देकर शरीरिक संबंध स्थापित करने की मांग की। अभियुक्त द्वारा प्रलोभन देने वाली बात सुनकर पीड़िता डरकर कार का दरवाजा खोलकर भागी। तभी अभियुक्त ने कार से पीड़िता का पीछा किया। भागते समय पीड़िता जोर-जोर से चिल्लाकर मदद की गुहार लगाने लगी। जंगल की ओर भागते हुए वहीं सड़क पर काम कर रहे ठेकेदार ने पीड़िता की आवाज सुनकर उसे बचाया। मौके का फायदा उठाकर अभियुक्त घटना स्थल से कार लेकर भागने में सफल रहा। ठेकेदार ने पीड़िता के गांव वालों को फोन किया।

गांव वालों ने पीड़िता के पिता को घटना की जानकारी दी। घटना स्थल पर पीड़िता के माता-पिता व गांव के कुछ लोगों के पहुंचने के बाद पीड़िता ने घटना की जानकारी अपने माता पिता को दी। पीड़िता के पिता ने उसी दिन घटना की राजस्व पुलिस को तहरीर दी। विशेष न्यायाधीय (पोक्सो) श्रीकान्त पाण्डेय ने मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अभियुक्त यशवन्त सिंह को दोषी मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (ए), 354 (डी) एवं पोक्सो अधिनियम की धारा 12 में दोषसिद्ध किया।

अभियुक्त को दो वर्ष के कठोर कारावास एवं पांच हजार के अर्थदंड की सजा से दंडित किया गया। अर्थदंड न देने की स्थिति में अभियुक्त को छः माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पोक्सो) एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) आशीष नेगी ने पैरवी की।

 

 

 

 

 

 

 

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